कानपुर में जीका वायरस के बढ़ते मामलो के बीच अब कन्नौज में भी जीका की दस्तक से स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप, वायरस के बढते ग्राफ को देखते हुए देश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। डॉक्टर्स का एक एक्सपर्ट समूह सोमवार को लखनऊ से कन्नौज भेजा गया, 3 सदस्यीय डॉक्टर्स का एक्सपर्ट समूह कन्नौज में वायरस से जुडी और जानकारी एककृत करेंगे। फिलहाल कन्नौज में जिस मरीज में जीका की पुष्टि हुई है वह हल ही में कानपुर से लोटे थे, ऐसे में विभाग अभी कानपुर को ही एपिसेंटर मान रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने आशंका जताई है कि ज़ीका प्रदेश के कई हिस्सों में फैल सकता है, विशेषज्ञों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार डेंगू वाले मच्छरों के काटने से ही जीका वायरस फैलता है। यही कारण है कि प्रदेश व देश में ज़ीका को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया, डेंगू की पुष्टि नहीं होने पर बुखार के मरीजों में जीका वायरस का भी टेस्ट कराने के निर्देश दिए है। कोरोना के बाद से उत्तर प्रदेश में मौसमी बुखार, डेंगू, मलेरिया और स्क्रब टाइफस के बाद अब, जीका वायरस की दस्तक ने मुसीबतों को और बढ़ाने का काम किया है।
जीका वायरस को गंभीरता से लेते हुए कानपुर जिले में लखनऊ की टीम भी भेजी गई। साथ ही सभी सीएमओ को अलर्ट कर दिया गया और निर्देश दिए गए लक्षण वाले मरीजों में जीका टेस्ट कराया जाए। कानपुर में पहले 400 मीटर फिर 1 किमी व और फिर 3 किमी रेडियस में मैपिंग किया जा रहा है। इसके साथ ही अन्य जिलों में भी निर्देश जारी करके रैपिड रिस्पांस टीम के जरिए ग्राउंड पर एक्टिव रहने को कहां गया है।
राजस्थान व केरल में जीका के मामले पाएं गए हैं। यही कारण है कि इन दोनों ही प्रदेशों से आ रहे लोगों की सैंपल टेस्टिंग कराई जा रही है। अस्पतालों में भी पर्याप्त इंतजाम करने को कहां गया है। इसके अलावा विदेश यात्रा खासकर अफ्रीकी देशों से आने वालों पर भी पैनी नजर रखने के निर्देश जारी हुए हैं। संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। जीका वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित होने का खतरा गर्भवती महिलाओं पर है। विशेषज्ञों के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान मां के संक्रमित होने के बाद यह वायरस शिशु के शरीर में पहुंच जाता है और उसके न्यूरो सिस्टम को प्रभावित कर देता है। इस वायरस से संक्रमित महिला के बच्चे का सिर छोटा होने का खतरा रहता है। उसके स्पाइनल कार्ड में सूजन आ सकती है, इसीलिए प्रेग्नेंट लेडी को ज्यादा सतर्क रहने की जरुरत है।
जीका वायरस के लक्षण :
हमारी आपसे अपील है कि मच्छरों को पनपने से रोके, ठहरे पानी पर एन्टी लार्वा स्प्रे करें, पूरी बाह के कपड़े पहनें, बुखार आने पर चिकित्सकों से सलाह लें और डेंगू , मलेरिया व टायफॉइड के साथ जीका वायरस का भी टेस्ट कराएं।