55 साल के बुजुर्ग और 21 वर्ष के एक युवक ने। दोनों ने गंगा की तेज लहरों के बीच हाथ-पैर बांधकर 17 किमी का सफर तय कर एक रिकार्ड बना डाला। जल में बहादुरों का जज्बा देख लोग भी हैरान हो गए।कानपुर तैराकी संघ और तिरंगा अगरबत्ती के सहयोग से इस साहसिक तैराकी का आयोजन हुआ.
तिरंगा अगरबत्ती के निदेशक नरेन्द्र शर्मा ने यहां पहुंचकर प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया साथ ही प्रतियोगियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का सम्मान किया..
अटल घाट में आज मंगलवार की सुबह लोगों का हुजूम था। पंकज जैन (55) और रोहित निषाद (21) अटल घाट पहुंचे। गंगा उफनाई हुई है। जल की लहरों की गूंज के बीच दोनों गंगा में उतरे। हाथ-पैर बांधकर गहराई में जैसे ही उन्होंने कदम बढ़ाए तो लोगों ने उंगली मुंह में दबा ली। इस बीच लहरों के बीच दोनों ने तैरना शुरू किया और डेढ़ घंटे में 17 किमी. का सफर तय कर मैस्कर घाट पहुंचे।
तैराकी कोच हैं पंकज
17 किमी की गंगा यात्रा का सफर तय करने वाले पंकज जैन तैराक मास्टर हैं और वह कई सालों से युवकों को तैराकी के गुर सिखा रहे हैं। पंकज ने बताया कि उन्हें गंगा में उतकर तैराना पसंद था और जब उम्र 20 साल की थी, तब बिठूर घाट जाकर गंगा की लहरों के बीच तैरते थे। तैरना शौक था, जिसे हमने खेल के रूप में बनाने का प्रण लिया। युवकों को तैराकी के गुर सिखाते हैं और कई प्लेयर जिलास्तर के हमने तैयार किए हैं।
गंगा मइया की जय
पंकज और रोहित निषाद ने गंगा मइया के जयकारे लगाते हुए गंगा में उतरे। रोहित ने बताया कि वह बिना रुके 30 किमी तक गंगा में तैर चुके हैं। गुरु के प्रेरणा के चलते हमनें गंगा में हाथ-पैर बांधकर तैरने की ठानी। इसके लिए हम दोनों कई माह से तैयारी कर रहे थे। रोहित के मुताबिक वह जल्द ही 45 किमी का सफर इसी तरह से तय कर गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवाएंगे। हमारी ट्रेनिंग जारी है और उम्मीद है कि हम अपने मकसद को कामयाब बनाकर रहेंगे।
साथ आया संघ
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश तैराकी संघ ने इन दोनों के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए ये प्रयास करवाया। दावा है कि अगली बार इन लोगों को अटल घाट से ड्यौढ़ी घाट 45 किलोमीटर तक सफर तय कराया जायेगा, जिससे गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में इनका नाम शामिल हो सके