फाइलेरिया संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है यह दो स्तम्भों राष्ट्रीय लिम्फेटिक फाइलेरियासिस उन्मूलन कार्यक्रम पर आधारित है देश में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) , मोबिरडीटी मैनेजमेंट ऐंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन (एमएमडीपी) के तहत यह कार्यक्रम होगा।
एमडीए - सभी लोग जिन्हें फाइलेरिया से खतरा है उन्हें दो अनुषसित दवाइयों का निश्चित सेवन करना चाहिए।
एमएमडीपी यानी रूग्णता नियंत्रण एवं विकलांगता निवारण, यह लिम्फेडिमा के लिए मरीज की घर पर देखभाल और रूग्णता प्रबंधन के साथ ही हाइड्रोसील के लिए आपरेशन में भी सहायता करता है।
एमडीए एवं एमएमडीपी के अन्तर्गत 8 जनपदों में 21 दिसम्बर से यह अभियान शुरू हो रहा है इसमें 21 दिसंबर 2020 से आपके घर मे फाइलेरिया से बचाव की दवा पहुंचेगी। एमडीए के दौरान सरकार द्वारा मुफ्त में दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दावा (डी ई सी व एल्बेंडाजोल) है, इसको दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा यह दवा सभी को खानी है यह दवा खाली पेट नही खानी है। दवा स्वास्थ कर्मियों के सामने ही खाना जरूरी है। दवा खाने के बाद सरदर्द, शरीर मे दर्द, बुखार, उल्टी तथा बदन पर चकते जैसी मामूली प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल सकती है। ये दवा सरकार द्वारा साल में एक बार घर घर मुफ्त दी जाती है