7 नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखे चलाने पर बैन लगाने से जुड़े मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) आज अहम सुनवाई करेगी. एनजीटी ने चार राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान से जवाब मांगा है कि क्या 7 नवंबर से पूरे महीने के लिए पटाखों के इस्तेमाल और खरीद पर पूरी तरह से बैन लगाया जा सकता है.
एनजीटी ने आज 5 नवंबर तक सभी को जवाब देने के निर्देश दिए थे. कल राजस्थान सरकार ने एनजीटी को बताया था कि पटाखों पर बैन लगा दिया गया है, जबकि दिल्ली में बैन को लेकर मीटिंग का दौर जारी है और उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली सरकार भी एक-दो दिन में पटाखों पर बैन का आदेश जारी करेगी.
वहीं, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने अभी तक कोर्ट में अपना रुख साफ नहीं किया है. एनजीटी ने सोमवार को पर्यावरण मंत्रालय, दिल्ली सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, हरियाणा सरकार, राजस्थान सरकार, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड, दिल्ली पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड को पटाखों को बैन करने को लेकर नोटिस जारी किया था
एनजीटी ने पूछा 7 नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखों को जनता के स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए बैन कर देना चाहिए या नहीं? एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि पिछले सालों में अभी पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल को लेकर कई तरह की गाइडलाइंस जारी की गई थी और देखा गया था कि पटाखों के इस्तेमाल के बाद एनसीआर में एयर क्वॉलिटी और खराब हो गई.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस साल पटाखों के इस्तेमाल से एयर क्वालिटी में और गिरावट आ सकती है. दिल्ली-एनसीआर में अभी भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से 450 के बीच में है, जो कि खतरनाक कैटेगरी में आता है. ऐसे में पटाखों का इस्तेमाल प्रदूषण को और बढ़ा कर विस्फोटक स्थिति को पैदा कर सकता है.
एनजीटी में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के साथ त्याहारों में पटाखों का इस्तेमाल एयर क्वॉलिटी और ज्यादा खराब कर सकता है. ऐसे में कोरोना बीमारी के संक्रमण का खतरा और बढ़ने की बात भी याचिका में कही गयी थी. याचिका में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और दिल्ली सरकार के स्वास्थ मंत्री के बयान का हवाला दिया गया था कि दिल्ली में त्योहारों में एयर पॉल्युशन की वजह से कोविड मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होगी.
यहां तक कि ऐसे स्थिति में रोजाना दिल्ली में 15 हजार कोविड मरीजों की संख्या हो सकती है. ऐसे में इस आशंका को देखते हुए याचिका में एनजीटी से मांग की गई है पटाखों को चलाने पर पांच राज्यों में क्यों ना नवंबर महीने में पूरी तरह से रोक लगाई जाए.