चालू वित्त वर्ष के लिए ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर ने भारत के विकास दर के अनुमान को बढ़ाकर माइनस 9 फीसदी से माइनस 7.7 फीसदी कर दिया है। अर्थव्यवस्था में बढ़ती डिमांड और कोरोना वायरस के मामलों में कमी के चलते रेटिंग एजेंसी ने अपने अनुमान को संशोधित किया है।
अपने बयान में रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बढ़ती मांग और घटते कोरोना के मामलों को देखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना के प्रकोप के हमारे अनुमान को बदल दिया है। मार्च 2021 में समाप्त होने वाली वित्त वर्ष के लिए वास्तविक जीडीपी विकास दर को माइनस 9 फीसदी से संशोधित करते हुए एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने माइनस 7.7 फीसदी कर दिया है।
इस बारे में अमेरिका स्थित रेटिंग एजेंसी ने कहा कि सितंबर तिमाही में उम्मीद से अधिक तेजी से सुधार हुआ जिसके कारण बढ़ोतरी पूर्वानुमान में बदलाव किया जाना जरूरी हो गया है। अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर के 10 प्रतिशत रहने का अनुमान रेटिंग एजेंसी ने जताया है।
जबकि इससे पहले भारत का सकल घरेलू उत्पाद जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.5 प्रतिशत घट गया था, जो अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत था। वहीं, रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर ने कहा कि भारत कोरोना वायरस से अब जीतना सीख रहा है जिससे संक्रमण के मामलों में कमी आई है।
इस बारे में एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग एशिया-प्रशांत ने मुख्य अर्थशास्त्री शॉन रोचे ने कहा कि एशिया-प्रशांत की ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं की तर्ज पर भारत में भी विनिर्माण क्षेत्र में तेजी से सुधार देखा जा रहा है। बताते चले कि इससे पहले इकॉनमिक रिवाइवल का हवाला देते हुए रेटिंग एजेंसी फिच ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान निगेटिव 10.5 फीसदी से सुधारकर निगेटिव 9.4 फीसदी कर दिया था।
जबकि देश की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष (2021-22) के अंत तक कोरोना के पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएगी। इस बारे में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट आठ प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट के अनुमान को 9.5 प्रतिशत से घटकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है।
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में गिरावट आठ प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने विनिर्माण गतिविधियां बढने से चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर सुधार दर्ज किया है। जुलाई-सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट घटकर 7.5 प्रतिशत रह गई है। बेहतर उपभोक्ता मांग से आगे अर्थव्यवस्था की स्थिति और सुधरने की उम्मीद है।