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लगातार दो तिमाहियों में निगेटिव ग्रोथ रेट से देश टेक्निकल मंदी में चला गया

[Edited By: Rajendra]

Saturday, 28th November , 2020 01:26 pm

कोर सेक्टर के उत्पादन में लगातार आठवें महीने गिरावट दर्ज की गई है. आठ प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का उत्पादन अक्टूबर में 2.5 फीसदी गिर गया. क्रूड ऑयल, नैचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट और स्टील में निगेटिव ग्रोथ दर्ज की गई है. अप्रैल-अक्टूबर में कोर सेक्टर का उत्पादन 13 फीसदी गिर गया. जबकि पिछले साल की समान अवधि के दौरान इसमें 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.

ताजा आंकड़ों के मुताबिक कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट और स्टील के उत्पादन में क्रमश: 6.2, 8.6, 17 और 2.7 फीसदी गिरावट आई है. वहीं फर्टिलाइजर के उत्पादन में 6.3 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले साल की इस अवधि में इसमें 11.8 फीसदी की गिरावट आई थी. दूसरी ओर कोयला, सीमेंट, बिजली सेक्टर के उत्पादन में क्रमश: 11.6, 2.8 और 10.5 फीसदी की ग्रोथ हुई है.

सितंबर में कोर सेक्टर में पिछली तिमाही के आधार पर काफी सुधार हुआ था और इसमें केवल 0.1 फीसदी की गिरावट आई थी. इस कारण आईआईपी के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी हुई थी. आईआईपी इंडेक्स में कोर सेक्टर उत्पादन की 40.27 फीसदी हिस्सेदारी है. साल की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट रही जो अनुमानों से कहीं बेहतर है. हालांकि लगातार दो तिमाहियों में निगेटिव ग्रोथ रेट से देश टेक्निकल मंदी में चला गया है.

कोर सेक्टर में गिरावट से साफ है कि इकनॉमी के लिए सरकार की ओर जारी राहत पैकेज का खास फायदा नहीं हुआ है. सरकार ने अब तक तीन राहत पैकेज जारी किए हैं. ताजा पैकेज के तहत 2.65 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया गया है. सरकार इस पैकेज के जरिये मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ को रफ्तार देना चाहती है. लेकिन कोर सेक्टर में गिरावट से ऐसा लगता है कि इसमें अभी लंबा वक्त लगेगा. इस बीच, डिमांड में इजाफा न होने से भी इस सेक्टर पर असर पड़ा है. अब आने वाले वक्त में सरकार किसी बड़े पैकेज का ऐलान कर सकती है.

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