भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। ये भारतीय रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति कमिटी की तीन दिवसीय बैठक के नतीजों में सामने आया है। रिजर्व बैंक ने ये भी स्वीकार कर लिया है कि इस वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ मानइस रहेगी यानी इसमें गिरावट आएगी। रिजर्व बैंक के मुताबिक इस वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ -7.5 फीसदी रहेगी।
हर किसी की नजर ब्याज दरों में बदलाव को लेकर आरबीआई के फैसले पर टिकी थी। लेकिन रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 4% और रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर बरकरार रखा है। एमपीसी की बैठक 2 से 4 दिसंबर तक थी।
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक हर दो माह पर अपनी सालाना मौद्रिक नीति की समीक्षा करता है। इसके पहले हुई अक्टूबर की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था।
रिजर्व बैंक इस साल रेपो रेट में 115 बेसिस प्वाइंट यानि 1.15 परसेंट तक की कटौती कर चुका है। इस कटौती के साथ ही रेपो रेट साल 2000 के बाद 4 परसेंट पर है, जो कि सबसे निचला स्तर है। गौरतलब है कि खुदरा महंगाई पिछले कई महीनों से रिजर्व बैंक के सुविधाजनक स्तर 4 फीसदी से ऊपर बना हुआ है।
हालांकि जीडीपी के मोर्चे पर थोड़ी राहत वाली बात है। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में है। दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर की इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट आयी है, जो अनुमानों से कम गिरावट है। जून की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट आयी थी।