भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट के माध्यम से धनराशि के ट्रांसफर को अगले कुछ दिनों में उपलब्ध कराया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में शक्तिकांत दास ने कहा ''आरटीजीएस सिस्टम को अगले कुछ दिनों में 24X7 बनाया जाएगा.'' आरटीजीएस प्रणाली मुख्य रूप से हाई वेल्यू ट्रांजेक्शन के लिए है. यह रियल टाइम के आधार पर होता है.
RTGS के माध्यम से प्रेषित की जाने वाली न्यूनतम राशि 2 लाख है जिसमें कोई अधिकतम सीमा नहीं है. इस हस्तांतरण में लाभार्थी बैंक से लेनदेन करने पर तुरंत धनराशि हस्तांतरित करने का निर्देश प्राप्त होता है, और हस्तांतरण तात्कालिक होता है.
जुलाई 2019 से RBI ने देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से NEFT और RTGS के माध्यम से लेनदेन पर शुल्क लगाना बंद कर दिया है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का सर्वसम्मत निर्णय लिया और नीतिगत रुख को बनाए रखा है.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिवर्स रेपो दर भी 3.35 प्रतिशत पर स्थिर है. रेपो वह दर है जिस पर RBI जरूरत पड़ने पर वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है. यह एक उपकरण है जिसका उपयोग केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए करता है. रिवर्स रेपो दर वह दर है जिस पर RBI बैंकों से उधार लेता है.
केंद्रीय बैंक ने संपर्क रहित कार्ड लेन-देन contactless card transactions (बिना पिन नंबर की आवश्यकता के) और कार्ड के माध्यम से आवर्ती भुगतान आदेशों और एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) के लिए सीमा को बढ़ाकर 2,000 से 5,000 तक करने का फैसला किया है. यह 1 जनवरी 2021 से प्रभावी होगा.