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विदेशी फंडिंग पाने का इरादा रखने वाले NGOs को अब करनी होंगे ये शर्तें पूरी, सरकार ने सख्त किए नियम

[Edited By: Rajendra]

Thursday, 12th November , 2020 12:45 pm

विदेश से चंदा हासिल करने के इच्छुक गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को अब और कड़े नियमों का पालन करना होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसे संगठन विदेश से तभी चंदा प्राप्त कर सकेंगे जबकि उनके पंजीकरण के तीन साल पूरे हो गए हों और इन वर्षो में उन्होंने स्वयंसेवी गतिविधियों पर 15 लाख रुपये खर्च किए हों।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि फारेन कांट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण के इच्छुक एनजीओ को दानदाता की ओर से एक विशेष वचन पत्र भी दाखिल करना होगा जिसमें विदेशी चंदे की राशि और उसे देने के मकसद का उल्लेख होगा।

मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा कानून में संशोधन के करीब दो महीने बाद एफसीआरए के नियम जारी किए गए थे जिनमें एनजीओ पदाधिकारियों के आधार नंबर उपलब्ध कराना अनिवार्य कर दिया गया था, कार्यालय खर्च को चंदा राशि के 20 फीसद तक लाया गया था और चुनावी प्रत्याशियों, सरकारी अधिकारियों, किसी विधायिका व राजनीतिक पार्टियों के सदस्यों के विदेशी चंदा प्राप्त करने पर रोक लगा दी गई थी।

गृह मंत्रालय के मुताबिक, विदेशी चंदा हासिल की पूर्व अनुमति हासिल करने के लिए किसी भी एनजीओ या व्यक्ति का अपना एफसीआरए अकाउंट होना जरूरी होगा। भारतीय एनजीओ और विदेशी दानदाताओं में साझा सदस्य होने की स्थिति में भारतीय व्यक्ति या संगठन को पूर्व अनुमति तभी प्रदान की जाएगी जब वह कुछ शर्ते पूरी करेगा। जैसे, एनजीओ का मुख्य कार्यकर्ता दानदाता संगठन का हिस्सा नहीं होगा, एनजीओ के संचालक मंडल के 75 फीसद पदाधिकारी या सदस्य विदेशी दानदाता संगठन के सदस्य या कर्मचारी नहीं होंगे।

अधिसूचना में कहा गया, ''कानून की धारा 12 की उप धारा चार के खंड (बी) के तहत जो व्यक्ति पंजीकरण कराना चाहता है उसे इन शर्तों को पूरा करना होगा। संगठन की मौजूदगी तीन साल से हो और पिछले तीन वित्तीय वर्ष के दौरान समाज के फायदे के लिए कम से कम 15 लाख रुपये खर्च किए गए हों।''

नियमों के मुताबिक विदेशी कोष हासिल करने के लिए पूर्व अनुमति के संबंध में आवेदन करने वाले किसी व्यक्ति या एनजीओ का एफसीआरए खाता भी होना चाहिए।

विदेशी दानदाता संगठन के एकल व्यक्ति होने की स्थिति में वह एनजीओ का मुख्य कार्यकर्ता या पदाधिकारी नहीं होना चाहिए। एकल विदेशी दानदाता होने की स्थिति में एनजीओ के संचालक मंडल के 75 फीसद पदाधिकारी या सदस्य दानदाता के पारिवारिक सदस्य या करीबी संबंधी नहीं होने चाहिए।

बता दें कि वर्ष 2016-17 और 2018-19 के बीच एफसीआरए के तहत पंजीकृत एनजीओ को 58 हजार करोड़ रुपये से अधिक का चंदा प्राप्त हुआ था। देश में लगभग 22,400 एनजीओ हैं।

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