मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि (GDP) अनुमान को बढ़ाकर ऋणात्मक 10.6 प्रतिशत कर दिया, जबकि उसके पूर्व अनुमान के मुताबिक यह आंकड़ा ऋणात्मक 11.5 प्रतिशत था. मूडीज ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित ताजा प्रोत्साहनों में विनिर्माण रोजगार सृजन पर खासतौर से ध्यान दिया गया है, दीर्घावधि की वृद्धि पर फोकस है.
सरकार ने पिछले हफ्ते 2.7 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की थी. मूडीज ने कहा कि ताजा उपायों का मकसद भारत के विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना रोजगार का सृजन करना है. इसके साथ ही बुनियादी ढांचे में निवेश, ऋण उपलब्धता तनावग्रस्त क्षेत्रों की मदद पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है. इसमें आगे कहा कि इन उपायों का वृद्धि पूर्वानुमानों पर सकारात्मक असर पड़ा है.
मूडीज ने कहा कि हमने वित्त वर्ष 2020 (अप्रैल 2020-मार्च 2021) के लिए अपने वास्तविक, मुद्रास्फीति समायोजित जीडीपी पूर्वानुमान को संशोधित कर ऋणात्मक 11.5 प्रतिशत से घटाकर ऋणात्मक 10.6 प्रतिशत कर दिया है. मूडीज के मुताबिक अगले वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वृद्धि का अनुमान 10.8 प्रतिशत है, जबकि पहले इसके 10.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था.