लखनऊ विकास प्राधिकरण की अलग-अलग योजनाओं में बने करीब 3800 फ्लैट अधिक कीमतों की वजह से बिक नहीं पा रहे हैं. अब एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने इंजीनियरों को 26 जनवरी तक इन फ्लैटों को बेचने का लक्ष्य दिया है. फरमान सुनाया गया है कि लक्ष्य पूरा न कर पाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी. एलडीए में चल रही बैठक में वीसी के सामने यह सवाल खड़ा हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में फ्लैट कैसे बेचे जाएं? इसके बाद उपाध्यक्ष ने आदेश दिया कि सभी जेई, एई और एक्सईएन इस जिम्मेदारी को उठाएं. साथ ही संपत्ति विभाग भी "पहले आओ, पहले पाओ" की योजनाओं के तहत बिक्री की कवायद पूर्व के आदेश की भांति यथावत रहेगी.
इंजीनियरों को जो टार्गेट दिया गया है, उसके मुताबिक जेई को 25, एई को 35 और एक्सईएन को 40 फ्लैट बेचने हैं. एलडीए में करीब 90 जेई, 15 एई और 10 एक्सईएन तैनात हैं. उन सभी को अपना लक्ष्य 26 जनवरी 2021 तक पूरा करना है. एलडीए उपाध्यक्ष व लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने स्पष्ट कर दिया है कि लक्ष्य की पूर्ति के लिए वे समय-समय पर इसकी समीक्षा बैठक भी करते रहेंगे और यदि एक्सईएन या अभियंताओं की तरफ से किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता इन फ्लैटों को बेचने के लिए प्रकाश में आती है तो वह उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई भी करेंगे.
बता दें एलडीए की 1 दर्जन से अधिक योजनाओं के बिना बिके फ्लैट पड़े हुए हैं. हर माह मुश्किल 20 से 25 फ्लैट ही एलडीए बेच पाता है. माना जा जा रहा है कि बाजार की कीमतों से अधिक रेट पर मिल रहे एलडीए के फ्लैट को बेचना अभियंताओं के लिए एक कड़ी चुनौती होगी. इसमें अभियंताओं को अपने कामकाज के अलावा प्रोफेशनलिज्म पर भी ध्यान देना होगा, जिसको लेकर के आज एलडीए द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक वर्कशॉप का भी आयोजन किया है. जिसमें अभियंताओं को रियल इस्टेट के प्रोफेशनलिज्म का पाठ एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश द्वारा पढ़ाया जाएगा.
एलडीए के एक वरिष्ठ अभियंता ने अपना नाम न चलाने की शर्त पर बताया कि आज योगी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता अवैध निर्माण व अतिक्रमण को लेकर के चलाया जा रहा अभियान हैं. ऐसे में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई, अवैध निर्माण को रोकना और कार्रवाई कर सील करना, विभागीय रोजमर्रा के कार्य को देखना और उसके बाद में ग्राहकों के सामने जी-हुजूरी कर उनसे प्राइवेट बिल्डर से अधिक क़ीमत के बने फ्लैट को खरीदने का आग्रह करना. ये सभी कार्य करने के लिए 24 घंटे में से वक्त निकालना किसी भी अभियंता के लिए बहुत ही मुश्किल है.