देश की पहली 'बुलेट ट्रेन परियोजना' के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की टॉप कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को सरकार से 25,000 करोड़ रुपये का टेंडर हासिल हुआ है. यह ठेका मुंबई-अहमदाबाद के बीच 237 किमी लंबे रूट के डिजाइन और निर्माण के लिए है. मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन की कुल लंबाई 508 किमी है.
एल एंड टी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक एस एन सुब्रमणियम ने बुधवार को वित्तीय परिणाम की घोषणा के दौरान संवाददाताओं से कहा, 'हमने सरकार से आज (बुधवार) अब तक का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित अनुबंध हासिल किया है। यह 25,000 करोड़ रुपये का आर्डर है। यह हमारे लिये सबसे बड़ा अनुबंध है। साथ ही इतनी बड़ी राशि का यह सबसे बड़ा एकल आर्डर है, जिसे सरकार ने दिया है। जिसे सरकार ने दिया है. कॉन्ट्रैक्ट के तहत परियोजना को चार साल में पूरा करना है.'
उन्होंने कहा कि अनुबंध के तहत परियोजना को चार साल में पूरा करना है। उल्लेखनीय है कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन ने 24 सितंबर को अहमदाबाद-मुंबई बुलेट रेल परियोजना के लिये करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये की बोलियों को खोला था। इसमें परियोजना का गुजरात में पड़ने वाला हिस्सा शामिल है। सात बोलीदाता 508 किलोमीटर लंबी परियोजना के लिये पात्र पाये गये।
नेश्नल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटिड (NHSRCL) द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि कंप्टीटिव बिडिंग में कुल 7 कंपनियां शामिल हुई थी. इसमें लार्सन एंड टुब्रो ने सबसे कम बोली लगाई थी. अन्य कंपनियों में एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड, और जेएमसी प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड का एक समूह व एनसीसी लिमिटेड, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और जे.कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड का दूसरा समूह शामिल रहा.
बुलेट ट्रेन से अहमदाबाद से मुंबई दो घंटे में पहुंचा जा सकेगा। इस निविदा में गलियारे के करीब 47 प्रतिशत हिस्से को रखा गया जो गुजरात में वापी से वड़ोदरा के बीच है। वापी और वडोदरा के बीच 237 किमी लंबे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा. इसमें चार स्टेशन वापी, बिलिमोर, सूरत और भरूच व सूरत डीपो शामिल है. मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर कुल लागत 1.08 लाख करोड़ आंकी गई है जिसके लिए जापान इंटरनेश्नल को-ऑपरेशन एजेंसी द्वारा फंडिंग भी की जा रही है.