देश की महिलाएं शिक्षित हो जाएं तो आने वाली पीढ़ी में कोई गरीब नहीं होगा। राजस्थान सरकार के कर्मचारियों को कोरोना अभियान ड्यूटी पर रहते हुए कोरोना संक्रमण की वजह से असामयिक मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये की सहायता आश्रित/परिवार को देने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने ड्यूटी पर उपस्थित अपने कर्मचारियों का बीमा करवा लिया है। राज्य सरकार मुआवज़े की अपनी ज़िम्मेदारी को बीमा कंपनी पर डाल कर वित्तीय नुक़सान से बचने का एक सरल उपाय अपना लिया।
क्या हमारे देश की घरेलू महिलाएं इतनी समझदार हैं कि वह अपने कमाऊ पति का कम से कम 50 लाख का बीमा करवा सकें?
देश की महिलाएं आज कोरोना वायरस लॉकडाउन में शिक्षित होकर अपने पति का कम से कम 50 लाख बीमा करवा लें तो हमारी आने वाली पीढ़ी में पूरे देश में कोई भी व्यक्ति अथवा परिवार गरीब नहीं होगा। ज्ञात रहे टर्म प्लान यह एक बहुत ही सस्ता जीवन बीमा होता हैं जिसे सामान्य बीमा अभिकर्ता अपने ग्राहकों को बेचते नहीं हैं, क्योंकि इसमें बीमा किस्त बहुत ही कम होती है।
भारत सरकार द्वारा कोरोना-महाप्रकोप में ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाने पर सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों का 50 लाख रुपये का बीमा करने की घोषणा की है, इसका दायरा बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा उक्त स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा अन्य सभी राज्य कर्मचारियों (पटवारी, ग्राम सेवक, कानिस्टेबल इत्यादि), संविदा कर्मचारी (सफाई कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी इत्यादि) एवं मानदेय कर्मचारी (होम गार्ड, सिविल डिफेंस, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, मिनी आशा इत्यादि) को कोरोना अभियान की ड्यूटी पर रहते हुए कोरोना संक्रमण की वजह से असामयिक मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये की सहायता दी जायेगी।
वित्त विशेषज्ञ भरतकुमार सोलंकी के मुताबिक, किसी भी इंसान को टर्म प्लान (Term Plan) जरूर लेना चाहिए। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है उसके साथ इंश्योरेंस (Insurance) जरूरतें भी बढ़ती हैं। अगर आप शुरू में ही टर्म प्लान लेते हैं तो यह समझदारी भरा फैसला होगा। हालांकि टर्म प्लान के प्रीमियम हाल के वर्षों में कम भी हुए हैं। इससे अधिक उम्र के लोग भी चाहें तो यह प्लान ले सकते हैं। इसके कई फायदे हैं। देशभर में तमाम बीमा कंपनियां टर्म प्लान ऑफर करती हैं।
क्या है टर्म प्लान
टर्म प्लान लाइफ इंश्योरेंस (life insurance) के लिए बेहतर प्रॉडक्ट है। यह किसी अनहोनी की स्थिति में आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा देता है। हालांकि, इसमें प्लान की मैच्योरिटी पर पॉलिसीधारक को कोई रकम नहीं मिलती है। टर्म प्लान में बीमा खरीदने वाला व्यक्ति पहले से निर्धारित अवधि तक प्रीमियम का भुगतान करता रहता है। अगर इस दौरान बीमाधारक की मौत हो जाती है तो उसके परिवार या नॉमिनी को बीमा की रकम मिल जाती है।
टर्म प्लान्स के प्रीमियम में आई है कमी
जब उम्र ज्यादा होती है तो प्रीमियम की राशि भी ज्यादा हो जाती है लेकिन प्रॉडक्ट इनोवेशन और पारदर्शिता से टर्म प्लान्स के प्रीमियम में अप्रत्याशित कमी आई है, जिससे किसी भी उम्र में खरीदने पर सस्ती बन गई है। पिछले दो सालों में टर्म प्लान्स के प्रीमियम में करीब 30 से 40 फीसदी की कमी आई है।
टर्म इंश्योरेंस के गुण-दोष को परखें
किसी भी निवेशक को टर्म इंश्योरेंस के गुण-दोष को परखनी चाहिए। आपको यह तथ्य ध्यान में रखना चाहिए कि अब शादियां 30 की उम्र के आसपास में होती हैं और एक रिपोर्ट के मुताबिक शादी के वक्त शहरों में पुरुष की औसत उम्र 29-30 साल और महिलाओं की 26 साल होती है। इसका मतलब यह है कि जीवन में जिम्मेदारियां भी अब देर से आती हैं इसलिए अगर आप अपने परिवार के मुख्य कमानेवाले हैं तो समाज के बदलते परिदृश्य के मद्देनजर आपकी वित्तीय जिम्मेदारियों का दायरा बुढ़ापे तक बना रहेगा। इसलिए अपने परिजनों की वित्तीय आजादी सुनिश्चित करने के लिए इंश्योरेंस लेना एक अच्छा कदम होगा।
कर्ज की स्थिति में टर्म इश्योरेंस है सबसे जरूरी
सोलंकी का कहना है कि अगर आपने कोई कर्ज ले रखा है जैसे होम लोन तो ऐसे में टर्म इश्योरेंस लेना बेहद जरूरी है और बीमा की अवधि अपनी कर्ज की अवधि तक जरूर रखें, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति में आपके आश्रितों (पत्नी, बच्चों) पर इसका बोझ न पड़े इसलिए टर्म इंश्योरेंस खरीदने के फैसले को प्रीमियम या उम्र से हिसाब से न तय करें. टर्म कवर का मूल्य सालाना आय का कम से कम 10-12 गुणा होना चाहिए।