वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला फुल बजट पेश कर रही हैं। वित्तमंत्री यह बजट ऐसे वक्त में पेश कर रही हैं, जब देश की अर्थव्यवस्था में कमजोरी आई है। खराब मानसून की आशंका, वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती और व्यापारिक युद्ध की चुनौतियां पहले से ही सामने हैं।
बढ़ते व्यापारिक तनाव की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति डांंवाडोल हो रही है। 2019 के पहले तीन महीनों में जीडीपी कम होकर 5.8 फीसदी हो चुकी है, जो पांच सालों का न्यूनतम स्तर है। भारत की आर्थिक वृद्धि दर चीन से भी नीचे जा चुकी है, जो 6.4 फीसदी रहा है।
जीएसटी रजिस्टर्ड एमएसएमई को ब्याज में मिलेगी 2 फीसद की छूट। सरकार ने आवंटित किए 350 करोड़ रुपये। 1.5 करोड़ रुपये से कम के टर्नओवर वाले दुकानदारों को ''प्रधानमंत्री कर्म योगी मान धन'' स्कीम के तहत मिलेगी पेंशन।
विदेशी निवेश बढ़ाने पर होगा जोर। मीडिया में बढ़ेगी विदेश निवेश (FDI) की सीमा। बीमा में 100 फीसदी होगा निवेश। सिंगल ब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाएगी सरकार।
हर साल ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन होगा। दुनिया भर से लोगों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा।- निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण ने सामने रखा एक दशक का लक्ष्यवित्त मंत्री ने अपने बजट में आने वाले दशक का लक्ष्य देश के सामने रखा. अगले कुछ वर्षों में हमारी अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी. इस दौरान उन्होंने गिनाया कि प्रदूषण मुक्त भारत, चिकित्सा उपकरणों पर जोर, जल प्रबंधन, अंतरिक्ष कार्यक्रम, चंद्रयान, गगनयान जैसे प्वाइंट्स को गिनाया. अपने भाषण में उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. हमारी सरकार ने कई नई योजनाओं को अमलीजामा पहनाया है. पिछले पांच साल में हमने देश की अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने का काम किया. हमारा लक्ष्य लोगों के घरों में शौचालय पहुंचाना, घरों में बिजली पहुंचाना था.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बार देश की जनता ने पूर्ण बहुमत के साथ हमें सरकार में बैठाया है. इस चुनाव में लोगों ने भरपूर वोट दिया. पहली बार महिला, युवा, बुजुर्गों ने अच्छा काम करने वाली सरकार पर भरोसा जताया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हमारी सरकार तेजी से काम कर रही है और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की मदद कर रही है.