आयकर विभाग ने उत्तर-पूर्वी भारत के तीन प्रमुख ठेकेदारों के खिलाफ सर्च सर्वे की कार्रवाई की, जिससे अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये की अघोषित आय का खुलासा हुआ है. इनमें से एक समूह हॉस्पिटैलिटी बिजनेस में है. तलाशी दिल्ली असम के गुवाहाटी, सिलापाथर पाठशाला में 14 स्थानों पर की गई.
तीनों समूहों पर इस गतिविधि में असुरक्षित ऋण कोलकाता स्थित शेल कंपनियों के प्रयोग का आरोप है. विभाग ने एक बयान में कहा कि तीनों समूहों ने कथित तौर पर शुद्ध लाभ को भी छुपाया गुवाहाटी कोलकाता से बाहर इंट्री ऑपरेटरों के माध्यम से व्यापार में बेहिसाब कमाई की. तलाशी के दौरान, यह पता चला कि जिन शेल कंपनियों से ऋण/प्रीमियम लिया गया था, वे केवल कागज पर मौजूद थे उनका कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं था.
पूछताछ करने पर इंट्री ऑपरेटरों ने स्वीकार किया कि शेल कंपनियों से समूहों के लिए असुरक्षित ऋण / शेयर प्रीमियम वास्तविक नहीं थे. अब तक, 9.79 लाख रुपये के गहने 2.95 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए हैं. 2 करोड़ रुपये से अधिक के शेष आभूषणों के अधिग्रहण के स्रोतों का अभी सत्यापन होना बाकी है.
विभाग ने कहा कि सर्च सर्वे अभियान के दौरान अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये की अघोषित आय का खुलासा हुआ है. एक लॉकर भी मिला है, जिसे खोला जाना बाकी है. दरअसल ये कंपनियां अघोषित रुप से हेराफेरी कर गलत कंपनियों का लेनदेम खाते में दिखा कर विभाग को चूना लगाती हैं.