देशभर में फैले कोरोना वायरस से उद्योग-धंधों को पटरी पर लाने और युवाओं के रोजगार के लिए सरकार एक और राहत पैकेज ला सकती है. वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने रविवार को इस बारे में जानकारी दी है. वित्त सचिव के मुताबिक, सरकार एक दूसरे स्टिमुलस पैकेज पर काम कर रही है. ये पैकेज कब तक आएगा इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने एक इंटरव्यू में बताया कि सरकार लगातार जमीनी स्तर तक स्थिति की निगरानी कर रही है. इसके साथ ही इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए और सेक्टर के हिसाब से मदद मुहैया कराने का प्लान कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम उद्योग निकायों, व्यापार संघों, विभिन्न मंत्रालयों से सुझाव समय-समय पर लेते रहते हैं.
इसके साथ ही पांडेय ने कहा कि वह इस पैकेज के आने का कोई तय टाइमफ्रेम नहीं बता सकते, लेकिन हां सरकार इस पर काम कर रही है और आगे की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श हो रहा है.
कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से झटका खाई अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौटने लगी है। वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने इस संबंध में संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के कर संग्रह में तेजी आई है। साथ ही कोरोना के मद्देनजर सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहनों की वजह से आर्थिक संकेतकों में भी सुधार जारी है।
पांडेय ने कहा कि वस्तुओं के परिवहन के लिए जरूरी ई-वे बिल को निकालने की संख्या कोविड से पहले के स्तर पर आ गई है। ऑनलाइन भुगतान तेजी से बढ़े हैं। वस्तुओं की खपत या सेवा दिए जाने पर लिए जाने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के संग्रह में लगातार दूसरे महीने तेजी आई है।
वित्त सचिव अजय भूषण ने कहा कि कर संग्रह के रुझानों से पता चलता है कि इसमें पिछले कुछ महीनों की तुलना में तेजी आई है। जीएसटी संग्रह सितंबर के महीने में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले चार प्रतिशत अधिक रहा। वित्त सचिव ने बताया कि अक्तूबर में पिछले साल के मुकाबले 10 फीसदी तेजी देखने को मिली है और टैक्स संग्रह भी 1.05 लाख रुपए ज्यादा रहा है। इसी तरह 50 हजार से ज्यादा मूल्य की वस्तुओं के परिवहन के लिए ई-वे बिल निकलाने की संख्या भी अक्तूबर में 21 फीसदी बढ़ी।
अजय भूषण पांडेय के पास राजस्व सचिव का भी प्रभार हैं। उन्होंने बताया कि ये आंकड़े संकेत देते हैं कि अर्थव्यवस्था न केवल सुधार के रास्ते पर है बल्कि वृद्धि के पथ पर तेजी से लौट रही है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्तूबर के दौरान सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 22 प्रतिशत घटकर 4.95 लाख करोड़ रुपए रहा। अजय भूषण पांडेय के पास राजस्व सचिव का भी प्रभार हैं। उन्होंने बताया कि ये आंकड़े संकेत देते हैं कि अर्थव्यवस्था न केवल सुधार के रास्ते पर है बल्कि वृद्धि के पथ पर तेजी से लौट रही है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्तूबर के दौरान सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 22 प्रतिशत घटकर 4.95 लाख करोड़ रुपए रहा।
इस दौरान कॉरपोरेट कर संग्रह 26 प्रतिशत घटकर 2.65 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि व्यक्तिगत आयकर संग्रह 16 प्रतिशत घटकर 2.34 लाख करोड़ रुपए रह गया। पांडेय ने कहा कि पिछले सात महीनों में कुल दो लाख करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया गया, जबकि उस समय कर संग्रह कम था।
उन्होंने कहा कि अगर टैक्स सिस्टम में सुधान नहीं होता तो देश में महामारी का असर और भी ज्यादा होता. पिछले साल हमने फेसलेस मूल्यांकन, फेसलेस अपील, एसएफटी (वित्तीय लेनदेन का बयान), टीडीएस लागू करके नकद निकासी पर रोक जैसे कदम उठाए.