कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था काफी ज्यादा सुस्त पड़ी हुई है। इस साल महामारी के चलते इकोनॉमी में काफी ज्यादा गिरावट आई है। जिजेस देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने हाल ही में एक राहत पैकेज का ऐलान किया है। इस बीच खबर है कि देश की सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए मोदी सरकार एक और राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार ने एक बार फिर से राहत पैकेज देने का विकल्प खुला रखा है। हालांकि, इसकी घोषणा कब होगी और इसमें क्या होगा, इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सुस्ती से जूझ रही अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को चार बड़ी घोषणाएं कीं।
सरकार के मुताबिक, इन योजनाओं से अर्थव्यवस्था में 1 लाख करोड़ रुपए की एडिशनल डिमांड पैदा होगी। सीतारमण ने कहा कि इन चारों पैकेज से अगर डिमांड बढ़ती है, तो कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को इसका लाभ मिलेगा और कारोबार को जारी रखने के लिए बाजार में मांग का इंतजार करने वालों को राहत मिलेगी।
वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ सूत्र ने 13 अक्टूबर को एक और राहत पैकेज के संकेत दिए हैं। वहीं, सूत्र ने बताया कि कोरोना की वजह से विनिवेश प्रक्रिया भले ही धीमी हो गई हो, लेकिन ये रुकेगी नहीं। कंपनियों में विनिवेश की प्रक्रिया को फिर से तेज किया जाएगा। सूत्र ने ये भी बाताया कि वोडाफोन मामले में अपील के सभी विकल्प पर विचार किया जा रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा था कि अगर इन चारों पैकेज से मांग बढ़ती है तो कोरोना के चलते प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को इसका लाभ मिलेगा। साथ ही कारोबार को जारी रखने के लिए बाजार में मांग का इंतजार करने वालों को राहत मिलेगी। गौरतलब है कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की GDP में करीब 24 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट आई थी। जिसके बाद एक्सपर्ट्स ने सरकार को अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने की सलाह दी थी।
इस हफ्ते सरकार नए किए ये 4 बड़े ऐलान
(1) कंज्यूमर डिमांड बढ़ाने के लिए 68,000 करोड़ रुपये का पैकेज- केंद्रीय कर्मचारियों 10,000 रुपए का वन टाइम स्पेशल फेस्टिवल लोन : बाजार में 12,000 करोड़ रुपए की मांग बढ़ सकती है। एलटीसी कैश वाउचर स्कीम के तहत 12 फीसदी या इससे ज्यादा टैक्स वाले किसी भी सामान की खरीदारी और टैक्स में भी छूट: 56,000 करोड़ रुपए की मांग बढ़ सकती है।
(2) वन टाइम स्पेशल फेस्टिवल लोन- केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को 10,000 रुपए का वन टाइम ब्याज मुक्त लोन मिलेगा। एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। राज्य सरकारें लागू करेंगी, तो और भी ज्यादा लोग फायदे में रहेंगे।
(3) राज्यों सरकारों को मिलेगा 50 साल के लिए ब्याज लोन- राज्य सरकारों को अगले 50 साल के लिए 12,000 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त लोन मिलेगा। पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में से हर एक को 200 करोड़ रुपए। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को 450 करोड़ रुपए। वित्त आयोग के डिवॉल्यूश शेयर के मुताबिक, बाकी राज्यों को कुल 7,500 करोड़ रुपए. आत्मनिर्भर पैकेज में बताए गए 4 में से 3 सुधारों को लागू करने वाले राज्यों को 2,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे।
(4) केंद्र सरकार के कैपेक्स बजट में 25,000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी- केंद्र सरकार के 4.13 लाख करोड़ रुपए के कैपिटल एक्सपेंडीचर बजट में 25,000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की है। यह रकम सड़क, रक्षा, पानी की सप्लाई, शहरी विकास और देश में बने कैपिटल इक्विपमेंट पर खर्च होगी। आर्थिक विकास होगा। डोमेस्टिक मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।