फ्लिपकार्ट ने सोमवार को कहा कि उसने अपनी लॉजिस्टिक्स और डेटा केंद्र क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अडाणी समूह के साथ एक साझेदारी की है, जिससे करीब 2,500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस दोतरफा साझेदारी के तहत फ्लिपकार्ट अडाणी पोट्स लिमिटेड एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अडाणी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के साथ मिलकर काम करेगी, ताकि आपूर्ति श्रृंखला के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सके और ग्राहकों को तेजी से सेवाएं मुहैया कराई जा सकें। इसके अलावा फ्लिपकार्ट अपने तीसरे डेटा सेंटर की स्थापना अडाणीकॉनेक्स के चेन्नई स्थित संयंत्र में करेगी। अडाणीकॉनेक्स, एजकॉनेक्स और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम है। इस साझेदारी के वित्तीय ब्यौरे की जानकारी नहीं दी गई है। इस भागीदारी के तहत अडाणी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड मुंबई में अपने आगामी लॉजिस्टिक हब में 5.34 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल वाले गोदाम का निर्माण करेगी, जिसे फ्लिपकार्ट को पश्चिमी भारत में ई-कॉमर्स की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पट्टे पर दिया जाएगा।
बयान में कहा गया कि यह केंद्र अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा और इसके 2022 की तीसरी तिमाही में चालू होने की उम्मीद है। इस केंद्र में बिक्री के लिए उपलब्ध एक करोड़ इकाइयों को रखने की क्षमता होगी। कंपनी ने बताया कि इस साझेदारी से फ्लिपकार्ट की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती मिलेगी, छोटे और मझोले कारोबारियों को मदद मिलेगी तथा 2,500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और हजारों की संख्या में अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। बता दें कि देश में चीन के प्रति बढ़ते तनाव के कारण लोगों में चीनी सामान के बहिष्कार की आवाज उठ रही है। इसी बीच वाणिज्य मंत्रालय ने एक ऐसा फैसला लिया है। जिसका नुकसान भी चीनी कंपनियों को उठाना पड़ सकता है। बता दें वाणिज्य मंत्रालय और ई-कॉमर्स कंपनियों के बीच एक समझौता हुआ है जिसके तहत अब देश की बड़ी 14 ई- कॉमर्स कंपनियां अपने यहां बिकने वाले सभी उत्पादों पर उनके मूल देश की जानकारी देंगी।
आपको बता दे कि इस बैठक में देश की 14 बड़ी ई- कॉमर्स कंपनियां शामिल रही थी। जिसमें अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, पेपरफ्राई, नायिका जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां सहमत थी। हालांकि इन कंपनियों की एक चिंता थी। कंपनियों का कहना था कि अब जो भी नए उत्पाद आएंगे उन पर तत्काल प्रभाव ने उनके मूल देश को नाम लिखा जा सकता है मगर जो उत्पाद पहले से मौजूद हैं उनके लिए कंपनियों ने समय मांगा है। विभाग ने भी उनकी बात मान ली है औक अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को जुलाई तक का समय दिया है।