कोरोना के दौरान कई लोगों पर इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ा, कई लोगों की जान गई तो वहीं कई व्यापार ठप्प हुए जिसकी वजह से कई लोगों के रोज़गार का साधन भी छिन गया. अबतक भारत में चमड़े का व्यापार उत्तर प्रदेश के कानपुर में सबसे ज़्यादा है. वहीं दिल्ली-एनसीआर के लिए बड़ी खुशखबरी है. जल्द ही एनसीआर में लेदर पार्क शुरू हो जाएगा. एक ही छत के नीचे लेदर से जुड़ा हर सामान बनेगा.
50 हजार से ज्यादा लोगों को इस माध्यम से रोजगार भी मिलेगा. काउंसिल ऑफ लेदर एक्सपोर्ट का एक डेलिगेशन इस संबंध में यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह से मिला. सीईओ ने लेदर पार्क के लिए 100 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव दिया है. गौरतलब रहे यमुना अथॉरिटी के इस कदम से नोएडा में बिखरी लेदर इंडस्ट्री को एक जगह पर ही छत मिल जाएगी.
काउंसिल ऑफ लेदर एक्सपोर्ट के डेलिगेशन ने यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह को बताया कि मौजूदा वक्त में नोएडा में लेदर की दर्जनों कंपनियां काम कर रही हैं. जिनका सालाना एक्सपोर्ट 1 हजार करोड़ रुपये का है. लेकिन, नोएडा में ये कंपनियां बिखरी हुई हैं. कोई एक कंपनी किसी सेक्टर में है तो दूसरी कंपनी किसी और सेक्टर में. इससे प्रोडक्शन और क्वालिटी पर खासा असर पड़ता है.
अगर लेदर पार्क में जगह मिल जाती है और एक ही छत के नीचे लेदर कंपनियां आ जाती हैं तो लेदर गुड्स का कारोबार सालाना 3 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि लेदर पार्क में कारखानों के अलावा व्यापार प्रदर्शन केंद्र, प्रदर्शनी सम्मेलन केंद्र, डिजाइन केंद्र, श्रम पर्यवेक्षक प्रशिक्षण संस्थान और सामान्य सुविधा केंद्र विकसित किया जाएगा.
इस पार्क के बनने से निवेशकों, फुटवेयर और सहायक उपकरण के खरीदारों के लिए बड़ा अवसर होगा.गौरतलब है कि जेवर के पास नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है. करीब 2 साल में यहां से उड़ान शुरू हो जाएगी. इस एरिया में लेदर पार्क बनने से लेदर इंडस्ट्री को लॉजिस्टिक्स, पैकेजिंग, ट्रांसपोर्टेशन, अपैरल, एमएसएमई, हैंडीक्राफ्ट, मेडिकल इक्विपमेंट, आईटी, होटल, एविएशन एमआरओ और तमाम तरह की औद्योगिक इकाइयां का भी साथ मिलेगा.
आपको बता दें कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अनुसार, भारत में चमड़ा, चमड़े के सामान और बीनने वाले क्षेत्र ने अप्रैल 2000 से मार्च 2021 तक $ 215.21 मिलियन के बराबर है. भारत में चमड़ा उद्योग दुनिया के चमड़े / खाल के उत्पादन का लगभग 13% हिस्सा है और लगभग 3 बिलियन वर्ग फुट चमड़े के एक मजबूत वार्षिक उत्पादन को संभालता है. दुनिया के जूते उत्पादन में देश का 9% हिस्सा है. उद्योग को उच्च निर्यात आय में निरंतरता के लिए जाना जाता है और यह देश के लिए शीर्ष दस विदेशी मुद्रा अर्जक में से एक है.
भारत में कच्चे माल की प्रचुरता है, जिसमें दुनिया के 20% मवेशी और भैंस और दुनिया की 11% बकरी और भेड़ की आबादी है. चमड़ा उद्योग एक रोजगार प्रधान उद्योग है जो 4 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है, जिनमें से ज्यादातर समाज के कमजोर वर्गों से हैं. चमड़ा उत्पाद उद्योग में लगभग 30% हिस्सेदारी के साथ महिला रोजगार प्रमुख है. भारत में चमड़ा उद्योग 35 वर्ष से कम आयु के 55% कार्यबल के साथ सबसे युवा कार्यबल में से एक है.