कानपुर - लखनऊ मार्ग पर लगने वाला जाम से निजात और लखनऊ तक तीव्रगामी कनेक्टिविटी हो सके और कानपुर के उद्योगों को और अधिक बल मिले इसके लिए उच्चस्तरीय संयुक्त विकास समिति द्वारा प्रस्तावित किये गए कानपुर-लखनऊ ग्रीनफ़ील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण मार्च तक आरम्भ हो जाना है राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा नियुक्त कंसलटेंट द्वारा परियोजना का अलाइनमेंट निर्धारित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री जी की प्रदेश के विकास के संदर्भ में अपेक्षा है कि प्रत्येक परियोजना का अधिक से अधिक उपयोग हो और जनता को लाभ मिले। आयुक्त कानपुर यहां के विकास को गति देने के लिए काफी कार्य कर रहे है। लखनऊ - कानपुर एक्सप्रेसवे का उपयोग अधिकतम कानपुर से जाने वाले यातायात के लिए हो सके, इस हेतु आज कानपुर मंडल राजशेखर ने प्राधिकरण के परियोजना निदेशक श्री एन. एन. गिरी, समन्वयक उच्च स्तरीय विकास समिति नीरज श्रीवास्तव, महा प्रबंधक सेतु निगम श्री राकेश सिंह, कंसलटेंट फर्म के टीम लीडर संदीप गौतम तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारी के साथ इस एक्सप्रेस-वे के आरंभ बिंदु बदरका मोड़ से लगभग 2 किलोमीटर और आगे जाजमऊ की तरफ का निरीक्षण किया।
- यह 6 लेन एक्सप्रेसवे 63 किलोमीटर लंबा है जो अमौसी एयरपोर्ट के पास से आरम्भ होगा जिसमें 11 किलोमीटर का एलिवेटेड भाग है, 9 किलोमीटर का ग्रेडिंग किया जाएगा और 43 किलोमीटर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण होना है। एक्सप्रेसवे में मोहान व मोहन लाल गंज वाले मोड़ पर दो रैंप भी दिए जाएंगे। कानपुर में यह बदरका मोड़ से जाजमऊ की तरफ लगभग 1.5 किलोमीटर तक आएगा।
- निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि बैराज के रास्ते आज़ाद मार्ग होकर लखनऊ जाने वाले तथा जाजमऊ की ओर आने वाले यातायात को सुगमता नही मिल रही है, इस दृश्टि से विचार विमर्श के बाद आयुक्त ने प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देशित किया की इस जगह पे कुछ भाग एलिवेटेड कर दिया जाए जिससे आज़ाद मार्ग का संपर्क इस नए एक्सप्रेस-वे से हो जाए और जाजमऊ तथा लालगंज की ओर जाने वाला यातायात बाधा रहित हो जाए। क्योंकि वर्तमान में कानपुर से लखनऊ की ओर जाने वाला अधिकतम यातायात गंगा बैराज के रास्ते आज़ाद मार्ग होकर ही कर रहा है अतः इसके निर्माण से कानपुर से लखनऊ की ओर अथवा एयरपोर्ट तक जाने में मात्र 45 मिनट का समय लगेगा जो यहां की औद्योगिक इकाइयों के लिए वरदान होगा।
- योजना की कुल लागत 4700 करोड़ जिसमे 525 हेक्टेयर ज़मीन अधिकरण की लागत लगभग 700 करोड़ सम्मलित है। भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही आरम्भ हो चुकी है।
- परियोजना की टेंडर प्रक्रिया मार्च में आरम्भ हो जाएगी और निर्माण कार्य लगभग 2.5 वर्ष में पूर्ण हो जाएगा। इस परियोजना का सम्पूर्ण वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा किया जाना है।
- निरीक्षण के बाद आयुक्त राजशेखर ने गंगा बैराज मीटिंग हॉल में बैठक की और अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार विमर्श करते हुए परियोजना निदेशक को आवश्यक संशोधन हेतु परीक्षण करने को कहा। बैठक में नीरज श्रीवास्तव ने एक महत्वपूर्ण अन्य बिंदु सामने रखा की एन. एच. 91/34 पर अलीगढ़ से आई.आई.टी तक 4 लेन सड़क निर्माण कार्य आरंभ होने है। मंधना के पास से यह मार्ग बैराज मंधना मार्ग से सीधा कनेक्ट हो जाये तो इसका बड़ा लाभ कन्नौज से बैराज होकर लखनऊ की ओर आवागमन के लिए मिल सकेगा और मंधना तिराहे के जाम से मुक्ति मिलेगी। मंडलायुक्त ने नीरज श्रीवास्तव को निर्देशित किया कि वो इन दोनों बिंदुओं के संदर्भ में व्यक्तिगत रूप से संयुक्त सचिव सड़क परिवहन मंत्रालय से मिलकर उन्हें भी अवगत करा दें जिससे कि आवश्यक कार्यवाही शीघ्र हो सके।