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सीएम योगी ने प्रदेश के सबसे बड़े ऑक्सीजन प्लांट का किया उद्धाटन

[Edited By: Rajendra]

Thursday, 8th October , 2020 04:41 pm

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सबसे बड़े एवं अत्याधुनिक क्रायोजेनिक मोदीनगर ऑक्सीजन संयंत्र का गुरुवार को उद्घाटन किया, जिसकी मदद से अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.

योगी आदित्यनाथ ने संयंत्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि बेहतर योजना के बावजूद कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में मांग के अनुरूप ऑक्सीजन की आपूर्ति एक चुनौती बनी हुई थी, मगर इस संयंत्र से बड़ी राहत मिलेगी.

योगी ने 'आईनॉक्स ग्रुप' द्वारा लगाये गये संयंत्र का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद बताया कि इस संयंत्र से रोजाना 150 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी.

उन्होंने कहा कि इसमें 1,000 टन तरल ऑक्सीजन की भंडारण क्षमता भी विकसित की गई है, यानी उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य राज्यों को अब तरल ऑक्सीजन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2018 में सरकार द्वारा आयोजित समारोह में मोदीनगर ऑक्सीजन संयंत्र का शिलान्यास किया था.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'कोविड-19 ने हमें स्वास्थ्य संबंधी ढांचागत सुविधाओं को मजबूत करने के लिए आगाह भी किया है. उत्तर प्रदेश में अगर वही पुराना जर्जर ढांचा होता तो क्या स्थिति होती? उत्तर प्रदेश में कितनी मौतें होती, किस तरह की त्रासदी होती? लेकिन आज हम संकट में भी बेहतर परिणाम देने में सफल हुए हैं.'

योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''उत्तर प्रदेश में आज से साढ़े तीन साल पहले निवेश का बहुत अच्छा माहौल नहीं था लेकिन हमारी सरकार बनने के बाद हमारे मंत्रियों और अधिकारियों ने बेहतरीन प्रयास किया, जिसके कारण प्रदेश में निवेश की संभावनाएं बनीं। मुझे खुशी है कि आईनॉक्स ने मध्यांचल क्षेत्र में एक नया संयंत्र लगाने की पेशकश की है. राज्य सरकार इसमें पूरी मदद करेगी.''

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कोरोना वायरस संकट में सरकार की अच्छी योजना की वजह से कहीं भी कोई समस्या नहीं आयी, लेकिन इसके बावजूद मांग के अनुरूप समयबद्ध तरीके से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करना एक चुनौती थी. ऐसे में आईनॉक्स के इस ऑक्सीजन संयंत्र से बड़ी राहत मिलेगी.

उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन के दौरान भारत संक्रमण से न केवल पूरी तरह मुक्त था, बल्कि हमने उसे ढंग से नियंत्रण में किया था, लेकिन अनलॉक के तीसरे-चौथे चरण में संक्रमण की दर काफी बढ़ गई थी. हम इस बात की आवश्यकता लगातार महसूस कर रहे थे कि संक्रमित लोगों को अस्पताल में सुविधा मिले और ऑक्सीजन की आपूर्ति बनी रहे. एक समय तो ऐसा लगा कि हाहाकार मचने की नौबत आएगी, लेकिन पहले से ही की गई व्यवस्थाओं के कारण और केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के नियंत्रण के लिए लगातार किए गए प्रयासों का नतीजा था कि संक्रमण की दर निरंतर कम होती दिखाई दी.'

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