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चीनी कंपनियों को इस दिवाली सीजन में 40,000 करोड़ रुपये का व्यापार नुकसान

[Edited By: Rajendra]

Monday, 19th October , 2020 04:43 pm

भारत में सामान का निर्यात करने वाली चीनी कंपनियों को इस दिवाली सीजन में 40,000 करोड़ रुपये का व्यापार नुकसान हो सकता है, क्योंकि भारतीय व्यापारियों ने चीनी सामान की बिक्री के बहिष्कार की तैयारी कर ली है। ट्रेडर्स बॉडी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा जारी एक बयान जारी करके इस बारे में जानकारी दी गई है।

व्यापारी खुद को माल के पर्याप्त स्टॉक के साथ तैयार कर रहे हैं। विशेष रूप से मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली के सामान, खिलौने, घर का सामान, रसोई का सामान, गिफ्ट आइटम, घड़ी, रेडीमेड वस्त्र, जूते, सौंदर्य प्रसाधन, सौंदर्य उत्पाद, फर्नीचर, एफएमसीजी उत्पाद, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, स्टेशनरी, दिवाली पूजा और घर के लिए सजावटी लेख, दुकान, और कार्यालय, आदि बड़ी मात्रा में बेचे जाने की संभावना है। निकाय ने स्थानीय कारीगरों, और शिल्पकारों के साथ-साथ अपने राज्य-स्तर के अध्यायों के माध्यम से दिवाली से संबंधित सामान तैयार करने के लिए भी आग्रह किया है। इन विक्रेताओं को पूरे भारत में फैले व्यापार संगठनों के माध्यम से बाजारों में अपना माल बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर की त्योहारी बिक्री में पिछले साल की अक्टूबर की बिक्री के दौरान ऑनलाइन दुकानदारों में लगभग 70 प्रतिशत की बढ़ोत्‍तरी के साथ 28 मिलियन से 45-50 मिलियन हो जाएगी। अक्टूबर में त्योहारी बिक्री में लगे बाजारों का सकल माल मूल्य भी पिछले साल के 2.7 बिलियन डॉलर से 50 फीसदी बढ़कर इस साल 4 बिलियन डॉलर हो जाएगा।

सीएआईटी चीन में बने सामानों के खिलाफ 'भारतीय सम्मान हमारा सम्मान' के नाम से देशभर जागरुकता अभियान चलायेगी। ट्रेडर्स के इस रुख के चलते चीन को करीब 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने वाला है। दीवाली के सीजन में हर साल चीन में बने सामानों से बाजार पटा रहता था, लेकिन ट्रेडर्स ने इस साल चीन में बने सामानों का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। जिससे लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुए झड़प में शहीद हुए 20 जवानों की शहादत का बदला लिया जा सके।

सीएआईटी के सहासचिव प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक, पिछले साल दीवाली के सीजन में भारत में 70,000 करोड़ रुपये का सामान बिका था, जिसमें सोना-चांदी, इलेक्ट्रानिक, ऑटोमोबाइल, मोबाइल और अन्य गुड्स शामिल थे, इनमें से 40,000 करोड़ रुपये का सामान चीन से आया था। सीएआईटी ने हैंडिक्रॉफ्ट से जुड़े भारतीय उद्योगों को बढ़ावा देने का फैसला लिया, जिससे दीवाली पर उनके द्वारा निर्मित सामानों की सप्लाई बाजार में बढ़ाई जा सके।

इस बीच, अमेज़न और फ्लिपकार्ट को शुक्रवार को जारी एक नोटिस में उपभोक्ता मामलों के विभाग ने इस बात पर स्पष्टीकरण मांगा है कि वे अपने प्लेटफार्मों पर बेचे जाने वाले सामानों पर मूल देश सहित अनिवार्य घोषणाओं को क्यों प्रदर्शित नहीं कर रहे हैं। नोटिस प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर दोनों कंपनियों से "स्पष्टीकरण" मांगा गया है, अन्यथा अधिनियम और नियमों के प्रावधानों के अनुसार उपलब्ध दस्तावेजों के साथ आपके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।

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