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मंदी में महंगाई का एक और झटका, मोदी सरकार करेगी इस सेवा को महंगा

[Edited By: Rajendra]

Friday, 18th September , 2020 01:40 pm

भारतीय रेल में इन दिनों निजीकरण का बोलबाला है। केंद्र सरकार अब एयरपोर्ट के समान पर रेलवे स्टेशनों पर भी यूजर चार्ज लगाने पर विचार कर रही है। रेल मंत्रालय से छन कर जो बात सामने आ रही है, उसके मुताबिक दिल्ली, मुंबई, चेन्नई या हावड़ा जैसे बड़े स्टेशनों पर ही यूजर चार्ज नहीं लगेगा बल्कि बलिया, बस्ती, गोंडा, हाजीपुर, गोमो, डाल्टेनगंज, बरौनी, खगड़िया, जमालपुर, भागलपुर जैसे स्टेशनों पर भी यह चार्ज लग सकता है।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने जानकारी दी है कि हवाई अड्डों की तरह रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों से उपयोगकर्ता शुल्क लिया जाएगा। लेकिन भारतीय रेलवे हर ट्रेन स्टेशन पर इस शुल्क को लगाने की योजना नहीं बना रहा है। यह शुल्क देश के कुल रेलवे स्टेशनों के 10 से 15 प्रतिशत पर लगाया जाएगा।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ विनोद कुमार यादव ने बताया कि हवाई अड्डों की तरह ही अब रेलवे स्टेशनों पर भी उपयोगकर्ता शुल्क लगाया जाएगा। इस बीच, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि निजी गाड़ियों का किराया बाजार के अनुसार तय किया जाएगा। यात्रियों को मूल्य वर्धित सेवा भी प्रदान की जाएगी। इस प्रकार मोदी सरकार एकतरफा रूप से रेलवे का निजीकरण करने की योजना बना रही है और ट्रेन टिकटों में एक नई कीमत में बढ़ोतरी की भी उम्मीद है।

रेलवे ने घोषणा की कि कुल रेलवे स्टेशनों में से 10 से 15 प्रतिशत स्टेशनों से वसूले जाएंगे। रेलवे बोर्ड के प्रमुख सीआरबी और सीईओ वीके यादव ने कहा कि 1050 स्टेशनों पर नया शुल्क लगाया जाएगा। रेलवे स्टेशन पुनर्विकास योजना स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने के लिए लागू की जाएगी, जिसमें स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा, यह देखते हुए कि वर्तमान में देश में लगभग 7000 रेलवे स्टेशन हैं।

रेलवे बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि 1000 से भी ज्यादा स्टेशनों पर जब यूजर चार्ज लगाया जाएगा तो ए1 और ए श्रेणी के स्टेशनों पर तो यूजर चार्ज लगना तय है। इसके अलावा बी श्रेणी के कुछ स्टेशनों पर भी यूजर चार्ज लगाया जाएगा। चूंकि ए1 और ए श्रेणी के स्टेशनों को मिला दें तो यह 407 स्टेशन ही होते हैं।

रेल मंत्रालय ने इस समय कमाई के हिसाब से स्टेशनों की श्रेणी तय कर दी है। देश में खूब कमाई करने वाले इस समय 75 स्टेशन हैं। इन्हें A1 स्टेशन का दर्जा हासिल है। इनमें नई दिल्ली, दिल्ली, हावड़ा, सियालदह, लखनउ, वाराणसी, पटना, चंडीगढ़, प्रयागराज आदि स्टेशन शामिल हैं। इनसे थोड़ा कम लेकिन अन्य स्टेशनों से ज्यादा कमाई करने वाले 332 स्टेशन हैं। इन्हें A श्रेणी का स्टेशन कहा जाता है। इनमें बलिया, बस्ती, आजमगढ़, मिर्जापुर, गोंडा, हाजीपुर, गोमो, डाल्टेनगंज, डेहरी आन सोन, गया, आरा, बक्सर, किउल, जमालपुर, दुर्गापुर जैसे स्टेशन शामिल हैं।

सीआरबी वीके यादव ने जानकारी दी है कि रेलवे जल्द ही यूजर चार्ज के लिए निर्देश जारी करेगा। हालांकि, जब यूजर चार्ज के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यूजर चार्ज के रूप में केवल एक छोटी राशि ली जाएगी। हालांकि उन्होंने आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए। रेलवे ने सूचित किया है कि उपयोगकर्ता शुल्क प्रमुख रेलवे स्टेशनों और भीड़भाड़ वाले रेलवे स्टेशनों पर लगाए जाएंगे। इस उपयोगकर्ता शुल्क को केवल यात्री टिकट के किराए में जोड़ा जाएगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी मौजूद थे। कांत ने कहा कि निजी गाड़ियों का किराया बाजार के अनुसार तय किया जाएगा। यात्रियों को मूल्य वर्धित सेवा भी प्रदान की जाएगी। निजीकरण से रेलवे में निजी निवेश में लगभग 30,000 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हम रेलवे का निजीकरण नहीं कर रहे हैं। निजी कंपनी रेलवे के बुनियादी ढांचे का उपयोग करेगी। उन्होंने कहा कि निजी बैंकों के आने के बाद से एसबीआई बंद नहीं हुआ है। इंडिगो, विस्तारा के आने के बाद एयर इंडिया नहीं रुकी है। इस प्रकार, निजी ट्रेनों के आने के बाद भारतीय रेलवे बंद नहीं होगी, लेकिन इसकी क्षमता और प्रतिस्पर्धा में और वृद्धि होगी।

दिल्ली में हवाई अड्डा पर देखें तो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से अलग अलग यूजर चार्ज लिया जाता है। वह करीब 500 रुपये के करीब होता है। लेकिन रेलवे स्टेशनों पर इतना यूजर चार्ज नहीं लिया जाएगा। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि यह रकम बहुत कम होगी। अभी यह रकम तय नहीं हुई है। लेकिन जो भी होगी, एयरपोर्ट के मुकाबले बेहद कम होगी।

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