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एसबीआई कार्ड धारकों के लिए एक राहत देने वाली खबर

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 16th September , 2020 03:02 pm

एसबीआई कार्ड धारकों के लिए एक राहत देने वाली खबर है. दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मार्च से 31 मई 2020 तक कर्ज लौटाने को लेकर छूट दी थी. फिर बाद में इस अवधि को अगस्त तक बढ़ा दिया गया लेकिन ग्राहक अब भी अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर पाए है. जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के भी ग्राहक है. इसे देखते हुए एसबीआई अपने ग्राहकों को कर्ज चुकाने के लिए और समय देने की सोच रहा है. इसके साथ ही कई ग्राहक मोरेटोरियम के पहले तीन महीने का भुगतान नहीं कर रहे हैं. कंपनी उन्हें स्टैंडर्ड खाता मान रही है.

एसबीआई कार्ड दे सकता है बड़ी राहत-एसबीआई कार्ड के सीईओ अश्विनी कुमार तिवारी ने इसकी जानकारी दी है. एसबीआई कार्ड के अनुसार मई में उसके 7,083 करोड़ रुपए मोरेटोरियम में फंसे थे.

यह आंकड़ा कम होकर अब 1,500 करोड़ रुपये पर आ गया है. जो ग्राहक आरबीआई के बजाए कंपनी की पुनर्गठन योजना का चयन करेंगे, उन्हें लाभ होगा क्योंकि ऐसे मामलों की जानकारी सिबिल को नहीं दी जाएगी.

आपको बतादें कि रिस्ट्रक्चरिंग उस ग्राहक के लोन की होगी जिसने पिछले कुछ समय से किश्तों का भुगतान नहीं किया है. जो ग्राहक रेगुलर ईएमआई दे रहे हैं, वे इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएंगे. रिस्ट्रक्चरिंग के तहत मान लीजिए आपकी ईएमआई 10 हजार महीने की है.

आपने 4 महीने नहीं भरा है. और आपका लोन का समय 5 साल बाकी है. तो बैंक आपकी यह 4 महीने की ईएमआई उसी 5 साल में बांट देगा. यही नहीं, आप चाहते हैं कि आपकी ईएमआई की राशि कम हो जाए तो आप बैंक से अपने कर्ज भरने की समय सीमा बढ़वा सकते हैं. इससे आपको यह फायदा होगा कि आपकी ईएमआई मासिक कम हो जाएगी.

रिस्ट्रक्चरिंग बिलकुल घाटे का सौदा है. यह सिर्फ तभी कराना चाहिए जब आपकी आर्थिक दिक्कतें बढ़ गई हों. घाटा इस तरह से है कि आप जितना ज्यादा कर्ज की समय सीमा बढ़ाएंगे उतना ज्यादा आपको ब्याज देना होगा. भले ही आपकी मासिक ईएमआई कम हो लेकिन लंबी अवधि में वह एक बहुत बड़ी राशि हो जाती है जो आप ब्याज के रूप में बैंक को देते हैं.

नहीं ऐसा नहीं है. रिस्ट्रक्चरिंग बैंक की मर्जी है. रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा आपको तभी मिलेगी जब आपका रिकॉर्ड सही होगा. आपका लोन एनपीए नहीं होगा. आप डिफॉल्ट नहीं होंगे. आरबीआई ने कहा कि उसने वन टाइम विंडो शुरू की है. आप बैंक से रीपेमेंट का एक नया टर्म पूछ सकते हैं. आपको अतिरिक्त क्रेडिट की सुविधा मिल जाएगी. इसके लिए आपको एक मार्च 2020 तक किसी भी लोन में डिफॉल्ट नहीं होना चाहिए.

यह एक तरह से मोराटोरियम जैसी ही सुविधा है. लेकिन मोराटोरियम में आपको 3 महीने की दो बार सुविधा दी गई थी. यानी आपको 6 महीने की पूरी ईएमआई 6 महीने में ही देनी थी. आप चाहें तो दो महीने की साथ में दे सकते हैं. लेकिन रिस्ट्रक्चरिंग में ऐसा नहीं है. यहां आप अपनी समय सीमा को बढ़वा सकते हैं और वह लंबे समय तक बढ़ सकती है. आपकी ईएमआई पूरे साल के लिए एक समान बंट जाएगी. रिस्ट्रक्चरिंग से यह फायदा है कि आपका लोन एनपीए नहीं होगा. आपकी क्रेडिबिलिटी सही रहेगी. बैंक आपसे वसूली नहीं करेगा.

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