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संयुक्त राष्ट्र संघ ने ऐतिहासिक फैसले में माना भांग है दवाई

[Edited By: Rajendra]

Friday, 4th December , 2020 02:43 pm

संयुक्त राष्ट्रसंघ में भांग को एक दवा के रूप में मान्यता दे दी गई है। यह मान्यता सदस्यों के मतदान के बाद दी गई है। संयुक्त राष्ट्रों ने ये फैसला विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों की सिफारिश के बाद लिया है।

इस बारे में संयुक्त राष्ट्र के मादक पदार्थ आयोग ने भांग को हेरोइन जैसे खतरनाक ड्रग्स की लिस्ट से हटा दिया है। पहले उसे भी ड्रग्स की लिस्ट में रखा गया था। बता दें कि इस लिस्ट में उन ड्रग्स को रखा जाता रहा है जो बेहद नशीले होते हैं और इंसानी स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक होते हैं। इन ड्रग्स के मेडिकल फायदे बेहद कम या ना के बराबर होते हैं। इसी लिस्ट से अब भांग को हटा लिया गया है।

लेकिन यूएन के कानून में अभी भी भांग को गैर मेडिकल इस्तेमाल के तौर पर एक प्रतिबंधित ड्रग ही माना जाएगा। बता दें, इसे मतदान के बाद लिस्ट से हटाया गया है। इसके पक्ष में 27 देशों ने और 25 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया था।

इस वोटिंग के दौरान इसे ऐतिहासिक निर्णय बनाते हुए अमेरिका और ब्रिटेन ने बदलाव के पक्ष में मतदान किया था। जबकि भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया और रूस ने इस बदलाव का कड़ा विरोध किया था।

वहीँ, इस फैसले के आने के बाद भांग से बनी दवाओं का इस्तेमाल में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। साथ ही भांग से जुड़े साइंटिफिक रिसर्च को भी बढ़ावा देखने को मिल सकता है। इतना ही नहीं, यूएन के इस फैसले के बाद यह भी माना जा रहा है कि कई दूसरे देश भी भांग और गांजे के इस्तेमाल को लेकर अपनी पॉलिसी में बदलाव कर सकते हैं।

इस फैसले के बाद भांग और गांजे के मेडिकल फायदों को लेकर दूसरे देशों में भी चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं। अभी 50 से ज्यादा देशों ने भांग की मेडिकल वैल्यू को समझते हुए इसे किसी ना किसी तरह के प्रयोग के लिए और किसी भी तरह से इस्तेमाल करने के लिए वैध कर दिया है।

बता दें कनाडा, उरुग्वे और अमेरिका के 15 राज्यों में भांग के रिक्रिएशनल और मेडिकल इस्तेमाल को वैध किया जा चुका है। वहीं कई रिपोर्ट्स बताती हैं भारत में गैर-कानूनी रूप से गांजे की दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में जमकर खपत होती रहती है। हालांकि यह देश में प्रतिबंधित है।

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