लखनऊ । उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए रविवार को सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और कोविड प्रोटोकाल के बीच मतगणना प्रारम्भ हुई। प्रदेश के सभी जिलों में विकास खंड स्तर पर बने आठ सौ से अधिक मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती हो रही है। इस चुनाव में कुल 12,89,830 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। इस चुनाव में जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम पंचायत सदस्य पदों के लिए चार चरणों में मतदान हुए थे। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए चार चरणों में 15, 19, 26 और 29 अप्रैल को मतदान हुआ था। प्रथम चरण में 18 जिलों में वोट डाले गये थे और वोट का प्रतिशत 71 था। वहीं दूसरे चरण में 20 जिलों के 72 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। तीसरे चरण के लिए प्रदेश के 20 जिलों में कुल 73.5 प्रतिशत और चतुर्थ व अंतिम चरण में 17 जिलों में 75.38 फीसदी मतदान हुआ था।
प्रदेश के विभिन्न जिलों से मिली जानकारी के अनुसार पंचायत चुनाव के परिणाम आज देर शाम से आना शुरू हो जाएंगे। ग्राम प्रधान और वार्ड सदस्यों के नतीजे देर रात तक जारी हो सकते हैं। लेकिन, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों की मतगणना सोमवार तक पूरी होने की उम्मीद है।
बताते चले कि पंचायत चुनाव की मतगणना उच्चतम न्यायालय से हरी झंडी मिलने के बाद हो रही है। ऐसे में मतगणना स्थलों के अंदर और बाहर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। पुलिस और पीएसी के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान भी तैनात किए गए हैं। परिणाम आने के बाद विजय जुलूसों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। मतगणना के दौरान उम्मीदवारों की गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। इसके लिए खुफिया विभाग को भी सतर्क किया गया है। मतगणना स्थलों पर भारी संख्या में सीसीटीवी भी लगाए गए हैं।
साथ ही मतगणना स्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। बगैर थर्मल स्कैनिंग के किसी को भी मतगणना स्थल के अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रत्येक मतगणना केंद्र पर मेडिकल हेल्थ डेस्क, स्वास्थ्य कर्मी और आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था की गई है। यूपी-112 के वाहनों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रों पर मतगणना के काम में लगे सभी कर्मचारियों व पुलिसकर्मियों के लिए मास्क, दस्ताने, फेसशील्ड पहनना व सेनेटाइजर रखना अनिवार्य किया गया है।