सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के काम पर रोक लगा दी है. दरअसल, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। नए संसद भवन के निर्माण के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत कोई कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ या पेड़ काटने का काम तब तक नहीं होना चाहिए, जब तक कि पेंडिंग अर्जियों पर आखिरी फैसला न सुना दिया जाए। हालांकि, 10 दिसंबर को होने वाले शिलान्यास पर कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर किसी भी आदेश से पहले निर्माण संबंधी कोई काम नहीं किया जाएगा. इसके अलावा कोई तोड़फोड़ भी नहीं की जाएगी. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम को किया जा सकता है. वहीं इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की बात मान ली है. केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि फैसला आने से पहले काम शुरू नहीं किया जाएगा.
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने शनिवार को बताया था कि पीएम नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को दोपहर 1 बजे दिल्ली में संसद भवन की नई बिल्डिंग का भूमि पूजन करेंगे। बिड़ला ने कहा था कि 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम नए संसद भवन में दोनों सदनों के सेशन की शुरुआत करेंगे। नए भवन में लोकसभा सांसदों के लिए लगभग 888 और राज्यसभा सांसदों के लिए 326 से ज्यादा सीटें होंगी। पार्लियामेंट हॉल में कुल 1,224 सदस्य एक साथ बैठ सकेंगे।