सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) बिना राज्य सरकार की इजाजत के किसी मामले की जांच नहीं कर सकती। साथ ही केंद्र सरकार राज्य की अनुमति के बिना सीबीआई का अधिकार क्षेत्र नहीं बढ़ा सकता है। यह अहम बात सुप्रीम कोर्ट ने यूपी से जुड़े एक भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई करते हुए कही है।
बता दें कि गैर-बीजेपी राज्यों पंजाब, झारखंड, केरल, राजस्थान, बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मिजोरम ने नए मामलों की जांच के लिए सीबीआई को इजाजत देने से मना किया है। इसी से जुड़े मामले में कोर्ट ने स्थिति साफ की है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज एएम खानविलकर और बीआर गवई ने दिल्ली स्पेशल इस्लेब्लिसमेंट (डीएसपीई) एक्ट का हवाला दिया। यह सीबीआई को रेग्युलेट करता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिए गए प्रावधान संविधान का संघीय चरित्र दर्शाते हैं जो कि संविधान की बुनियादी संरचनाओं में से एक हैं।
सुप्रीम कोर्ट जिस केस पर सुनवाई कर रहा था वह फेरटिको मार्केटिंग एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटिड से जुड़ा था, जिसमें सीबीआई ने एक सरप्राइज रेड की थी। फैक्ट्री में रेड पर पता चला था कि जो कोयला कंपनी ने कोल इंडिया लिमिटिड से फ्यूल सप्लाई अग्रीमेंट के तहत खरीदा था उसकी कथित तौर पर काला बाजारी हो रही थी। सीबीआई ने इसपर केस रजिस्टर किया था। अगस्त 2019 में इलाहबाद हाई कोर्ट ने इसपर फैसला सुनाया था। इसको चुनौती देते हुए कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटकटाया था।