अफगानिस्तान की राजधानी काबुल शनिवार को हुए सिलसिलेवार धमाकों से दहल गई. एएफपी की तरफ से इस मामले की जानकारी दी गई है. यह धमाके शहर के बीचों बीच स्थित घनी आबादी वाले ग्रीन जोन और उत्तरी इलाके में हुए. समाचार एजेंसी ने बताया कि शनिवार सुबह हुए इन धमाकों में तीन लोगों की मौत हो गई है और 11 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. मीडिया रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि काबुल में आज सुबह 14 रॉकेट दागे गए हैं.
ग्रीन जोन में और उसके आस-पास दूतावासों में जोरदार धमाका सुनाई दिया। भारी किलेनुमा क्वार्टर है जिसमें दर्जनों अंतरराष्ट्रीय कंपनियां और उनके कार्यकर्ता रहते हैं। सोशल मीडिया पर घूम रही असत्यापित तस्वीरों से पता चलता है कि रॉकेटों से कम से कम दो अलग-अलग इमारतों में छेद किया गया था।
फिलहाल मामले को लेकर अधिकारियों ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, आंतरिक मंत्रालय का कहना है कि शनिवार की सुबह दो छोटे 'स्टिकी बॉम्ब' से धमाके हुए थे. इनमें से एक ने पुलिस की कार को निशाना बनाया था, जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी और तीन घायल हो गए थे.
हालांकि, इन तस्वीरों की सत्यता की जांच नहीं हो सकी है. गौरतलब है कि ये धमाके अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और तालिबान और कतर के खाड़ी राज्य की अफगान सरकार की बैठक से पहले हुए हैं. शनिवार को हुए इन धमाकों की अभी तक किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है.
हाल के महीनों में पूरे अफगानिस्तान में नरसंहार का शिकार हुई हिंसा की लहर चल रही है। हालांकि किसी भी समूह ने शनिवार के विस्फोटों के लिए तुरंत जिम्मेदारी का दावा नहीं किया।
तालिबान ने शपथ ली है कि वे यूएस विथड्रॉवल डील के तहत किसी भी शहरी इलाके में हमला नहीं करेंगे, लेकिन काबुल प्रशासन ने काबुल में हाल में हुए हमलों के लिए उनके विद्रोहियों या उनके समर्थकों पर आरोप लगाए हैं. खास बात है कि तालिबान और अफगान सरकार की तरफ से बातचीत की प्रक्रिया सितंबर में शुरू हो गई है, लेकिन इसकी गति धीमी बनी हुई है.आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियान ने इस हफ्ते कहा था कि बीते 6 महीनों में तालिबान ने 53 फिदायीन हमले और 1250 धमाके किए हैं. इन हमलों में कुल 1210 आम नागरिकों की मौत और 2500 घायल हो चुके हैं.