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कोरोना संकट पर बोला SC, 'ये नेशनल इमरजेंसी, अदालत मूकदर्शक बनी नहीं रह सकती'

[Edited By: Punit tiwari]

Tuesday, 27th April , 2021 01:51 pm

नई दिल्ली-कोरोना के बढ़ते संकट से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जो नेशनल प्लान मांगा था, उसपर मंगलवार को सुनवाई हुई। सरकार ने अपना प्लान दाखिल किया, सुनवाई के दौरान अदालत ने सवाल किया कि वैक्सीन के अलग-अलग दामों पर केंद्र क्या कर रहा है, अगर अभी की स्थिति नेशनल इमरजेंसी नहीं है तो क्या है। सुनवाई के दौरान ऑक्सीजन और वैक्सीन की सप्लाई पर भी चर्चा हुई। अदालत ने ऑक्सीजन समेत अन्य मेडिकल जरूरतों पर डाटा मांगा है और अब शुक्रवार को इसपर सुनवाई की जाएगी।

सुनवाई की शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि हमें लोगों की जिंदगियां बचाने की जरूरत है। जब भी हमें जरूरत महसूस होगी, हम दखल देंगे। कोर्ट ने कहा- राष्ट्रीय आपदा के समय हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते हैं। हम हाईकोर्ट्स की मदद की जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं। इस मामले में उन अदालतों (HCs) को भी अहम रोल निभाना है। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर साफ किया कि स्थानीय परिस्थियों को हाई कोर्ट बेहतर जानता है, इसलिए हम सुनवाई नहीं रोकेंगे।

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब जरूरत पड़ेगी तो सुप्रीम कोर्ट कदम उठाएगा। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार बहुत सावधानीपूर्वक स्थिति को संभाल रही है।
और परेशानियां दूर करने के लिए प्रधानमंत्री खुद इसे देख रहे हैं। हम हालात को बहुत सावधानी से संभाव रहे हैं। कोरोना के दौरान ऑक्सीजन, वेंटिलेटर्स, बेड और वैक्सीन जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खुद ये मुद्दा उठाया था।

वैक्सीन के अलग-अलग दामों पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वैक्सीन की अलग अलग कीमतें क्यों सामने आ रही हैं? वैक्सीन की अलग अलग कीमतों पर केंद्र सरकार क्या कर रही है। कोर्ट ने कहा कि ड्रग कंट्रोलर एक्ट और पेटेंट एक्ट के तहत सरकार को शक्ति हासिल है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी केंद्र अपने संसाधनों जैसे सैन्य बल, अर्ध सैनिक बल और रेलवे का इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है. इस पर केंद्र की ओर से कहा गया है कि संसाधनों की सही इस्तेमाल किया जा रहा है।

पिछली सुनवाई में अदालत ने केंद्र ने नेशनल प्लान मांगा था। जस्टिस एस. रविंद्र भट, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल. नागेश्वर की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील और पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी बनाया था, हालांकि उन्होंने खुद को इस केस से अलग कर लिया है।

 

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