अक्सर ट्रेन से यात्रा के दौरान जब साइड लोअर बर्थ मिलती थी तो यात्रियों की एक ही समस्या होती थी कि ज्यादा लंबा सफर करने पर पीठ दर्द होने लगती थी, साथ ही कमर का दर्द की भी दिक्कत होने लगती थी। इस संबंध में रेलवे को कई शिकायतें भी मिली थी। अब रेलवे ने साइड लोअर बर्थ को ज्यादा आरामदायक बनाने के लिए उसकी डिजाइन में बड़ा बदलाव किया है। डिजाइन में बदलाव करने के बाद यात्रियों को सोने में भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और दोनों सीटों के बीच दूरी कम होने से अब पीठ दर्द भी नहीं होगा।
हाल ही में सोशल मीडिया पर वीडियो भी काफी वायरल हुआ था, जिसमें एक रेलवे अधिकारी नई डिजाइन वाली लोअर साइड बर्थ की खूबियों बारे में बताता हुआ दिख रहा है। इस वीडियो को हाल ही में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी tweet किया है। दरअसल, ट्रेनों में लोअर साइड बर्थ पर बैठने के लिए विभाजन विकल्प की सुविधा होती है, जब किसी पैसेंजर को सोना होता है तो वो सीट को जोड़ देता है, लेकिन बीच में गैप होने की वजह से यात्री को सोने में काफी तकलीफ होती है और पीठ दर्द होने लगता है। नए डिजाइन विभाजन विकल्प तो रहेगा लेकिन अलग से एक Slide सीट जोड़ दी गई है, जो खिड़की की तरफ होती है। जब यात्री को सोना होगा तो वो उसे खींचकर ऊपर कर लेगा, जिससे दोनों सीटों के बीच का गैप दूर हो जाएगा।
यात्रियों के सुविधाजनक सफर के लिए प्रयासरत भारतीय रेल, इसी का उदाहरण है सीटों में किये गये कुछ बदलाव, जिनसे यात्रियों का सफर हुआ और अधिक आरामदायक। pic.twitter.com/Q4rbXXYd7f
— Piyush Goyal Office (@PiyushGoyalOffc) December 11, 2020
गौरतलब है कि हाल ही में यह खबर भी आई थी कि रेलवे नॉन-एसी स्लीपर और जनरल क्लास कोच को अपग्रेड करने की योजना तैयार कर रहा है। इसी सिलसिले में भारतीय रेलवे अनारक्षित जनरल क्लास कोच और 3-टियर नॉन एसी स्लीपर क्लास कोच को एसी कोच में री-डिजाइन कर रहा है। रेलवे के इस कदम से यात्रियों को सस्ते में एसी ट्रेनों में सफर करने का मौका मिलेगा। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि अपग्रेडेड कोच एक किफायती एसी 3-टियर क्लास के जैसा होगा, उसे एसी-3 टियर टूरिस्ट क्लास कहा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक पहले चरण में 230 कोच तैयार किए जाएंगे और हर कोच को बनाने में करीब 2.8 करोड़ से 3 करोड़ की लागत आएगी, जो कि एसी-3 क्लास कोच को बनाने में आने वाली लागत से करीब 10 फीसदी ज्यादा है। शुरुआती डिजाइन में हर एक कोच में 105 सीटें रखने की योजना है। इससे रेल यात्रियों का सफर और अधिक सुविधाजनक हो जाएगा।