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देश के अधिकांश हिस्सों में नवंबर का तामपान सामान्य से अधिक रह सकता है - आईएमडी

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 1st November , 2023 01:34 pm

अल नीनो प्रभाव के कारण देश के अधिकांश हिस्सों में नवंबर का तामपान सामान्य से अधिक रह सकता है। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को देश के विभिन्न क्षेत्रों में नवंबर के लिए मौसम की भविष्यवाणी की है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि 1901 के बाद ऐसा छठी बार हुआ है, जब अक्टूबर में दक्षिण भारत के कई क्षेत्रों में सबसे कम बारिश हुई है। हालांकि, इसमें उत्तर-पश्चिम एवं पश्चिम-मध्य के अधिकतर क्षेत्र शामिल नहीं है। आईएमडी ने 1980 से 2022 तक के आंकड़ों का विश्लेषण के बाद यह आकलन किया है।

नवंबर में सर्दी और बारिश होने का इंतजार कर रहे किसानों और आमजन को इस बार दोनों के लिए दिसंबर-जनवरी का इंतजार करना पड़ सकता है। मौसम केंद्र नई दिल्ली ने नवंबर महीने के मौसम का जो पूर्वानुमान जारी किया है, उसमें राजस्थान में कम बारिश होने और तापमान भी सामान्य से ज्यादा रहने यानी सर्दी कम पड़ने की संभावना जताई है। अक्टूबर के महीने में भी तापमान सामान्य से अधिक रहने और बारिश भी सामान्य से कम हुई, जिसके कारण सर्दी की जो अच्छी शुरुआत होनी थी, वैसी हुई नहीं। राजस्थान समेत मध्य और दक्षिण भारत के राज्यों में बारिश सामान्य से कम हो सकती है। हालांकि, उत्तरी भारत के जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल के एरिया में बारिश सामान्य से ज्यादा होने का अनुमान जताया है।

उत्तर और मध्य बारिश में अक्टूबर से मई-जून तक जो बारिश होती है, उसका 90 फीसदी कारण वेस्टर्न डिस्टर्बेंस होता है। अक्टूबर के महीने में इस बार 3 से ज्यादा पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आए, लेकिन उनमें से केवल 2 ही ज्यादा सक्रिय रहे। भारत मौसम विभाग ने बताया कि नवंबर में पूरे देश में लंबी अवधि के औसत का लगभग 77 से 123 प्रतिशत के बीच बारिश हो सकती है। दक्षिण के कुछ इलाकों, उत्तर-पश्चिम के अधिकांश हिस्सों और पूर्व-मध्य, पूर्व एवं उत्तर-पूर्व के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। प्रशांत और हिंद महासागरों पर समुद्र की सतह के तापमान की स्थितियों में बदलाव से भी भारतीय प्रायद्वीप का जलवायु प्रभावित होता है, इसलिए इन महासागर बेसिनों पर समुद्र की सतह की स्थितियों के विकास की सतत निगरानी की जाती है।

आईएमडी के मुताबिक पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में पश्चिमी हिंद महासागर का बारी-बारी से गर्म एवं ठंडा होने को हिंद महासागर डिपोल कहा जाता है। इसे भारतीय नीनो भी कहते हैं, जो मानसूनी बारिश को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से प्रभावित करता है। हिंद महासागर डिपोल वाले वर्षों में तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश एवं केरल समेत आसपास के क्षेत्रों में अक्टूबर में कम वर्षा होती है, इसके चलते नवंबर का तापमान ऊपर चला जाता है।

राजस्थान समेत मध्य और दक्षिण भारत के राज्यों में बारिश सामान्य से कम हो सकती है। हालांकि, उत्तरी भारत के जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल के एरिया में बारिश सामान्य से ज्यादा होने का अनुमान जताया है। उत्तर और मध्य बारिश में अक्टूबर से मई-जून तक जो बारिश होती है, उसका 90 फीसदी कारण वेस्टर्न डिस्टर्बेंस होता है। अक्टूबर के महीने में इस बार 3 से ज्यादा पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आए, लेकिन उनमें से केवल 2 ही ज्यादा सक्रिय रहे।

इन दिनों, पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव आ रहा है। कुछ स्थानों पर तापमान में कमी हो रही है और सर्दी का महसूस हो रहा है, जबकि दूसरे क्षेत्रों में बारिश की गतिविधियाँ जारी हैं। मौसम विभाग ने तमिलनाडु, केरल और माहे में बारिश के लिए चेतावनी जारी की है। आगामी पांच दिनों में केरल, तमिलनाडु, माहे, पुडुचेरी और कराईकल में हलकी बारिश की संभावना है। \n\nसाथ ही, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत और सिक्किम में हलकी से मध्यम बारिश हो सकती है। तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में भारी बारिश के चलते स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की गई है। इसके अलावा, पश्चिमी विक्षोभ के कारण राजस्थान में भी मौसम में परिवर्तन की संभावना है।

दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और केरल में छिटपुट हल्की से लेकर मध्यम स्तर की बारिश हुई है। उत्तराखंड और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में हल्की बारिश हुई है। आने वाले 24 घंटों में दक्षिणी कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में हलकी से लेकर मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना है। एक या दो स्थानों पर भारी बारिश की भी संभावना है।\n\nतटीय आंध्र प्रदेश, गोवा, और तटीय कर्नाटक में हलकी से लेकर मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना है। आने वाले 48 घंटों के दौरान दक्षिणी ओडिशा में हलकी छिटपुट बारिश की संभावना है। कर्नाटक के आंतरिक हिस्सों में सोमवार और मंगलवार को हलकी बारिश और बर्फबारी की उम्मीद है। 31 अक्टूबर से हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में हलकी बारिश और बर्फबारी की उम्मीद है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, मंगलवार से 5 नवंबर तक चेन्नई में बारिश की संभावना है और तापमान में उतार-चढ़ाव हो सकता है। आने वाले 24 घंटों के दौरान तमिलनाडु और केरल के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। आने वाले 5 दिनों तक केरल, तमिलनाडु, माहे, पुडुचेरी और कराईकल में हल्की बारिश हो सकती है। वहीं आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत, और सिक्किम में हल्की से लेकर मध्यम बारिश हो सकती है। इसके अलावा, देश के अन्य क्षेत्रों में मौसम में विशेष बदलाव की संभावना कम है। दिल्ली और एनसीआर का मौसम विभाग के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब है, जिससे वह गंभीर श्रेणी में आता है। इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण बहुत उच्च स्तर पर है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दिल्ली में तापमान में कमी की संभावना है, और आने वाले दिनों में कोहरा आ सकता है। वर्तमान में दिल्ली का न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के बीच में है।

यूपी में आने वाले नवंबर में मौसम में परिवर्तन की संभावना है। लखनऊ में आगामी कुछ दिनों तक न्यूनतम तापमान 18-19 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है, और अधिकतम तापमान 32-33 डिग्री सेल्सियस के पास हो सकता है। नवंबर के दूसरे हफ्ते से तापमान में तेज गिरावट की संभावना है, जिससे सर्दी का प्रभाव अधिक महसूस होगा। इसके साथ ही, कोहरा और धुंध भी बढ़ सकते हैं। मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर के दूसरे हफ्ते से राज्य के मौसम में तेज बदलाव की संभावना है। 10 नवंबर के बाद, तापमान में तेज गिरावट की आशंका है, जिससे सर्दी का प्रभाव और अधिक महसूस होगा। वर्तमान में, 3 नवंबर तक, आसमान में साफी और मौसम सूखा होने की संभावना है।

हरियाणा में 4 नवंबर तक मौसम सूखा रहेगा। इस दौरान, उत्तर पश्चिमी हवाओं के चलने से राज्य में दिन का तापमान सामान्य रहेगा, लेकिन रात के तापमान में हल्की गिरावट हो सकती है। इस दौरान, हल्के बादलों की भी संभावना है। पंजाब में नवंबर से कोहरे का असर तेज होगा और तापमान में गिरावट आएगी। मौसम विभाग के मुताबिक, मध्यप्रदेश में दो नवंबर तक, एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जिससे सर्दी बढ़ेगी और तापमान में तेजी से गिरावट आएगी। उत्तर भारत में होने वाले मौसम के बदलाव के कारण, वहां से कुछ नमी प्रदेश में आ सकती है, जिससे कुछ स्थानों पर बादल छाएँ और बूंदाबांदी हो सकती है।

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