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पाकिस्तान में महंगाई ने तोड़े सारे रिकार्ड

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 7th October , 2020 01:59 pm

भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान वैसे तो भारत के खिलाफ सजिशों में मशगूल रहता है वहीं उनके मुल्क के आर्थिक हालात बदतर होते जा रहे हैं जिससे वहां पर महंगाई बेकाबू होती जा रही है, वैसै वहां महंगाई को लेकर समस्या अक्सर ही बनी रहती है मगर इस बार तो हालात ये हो गए हैं वहां गेहूं की कीमत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और यह इतिहास में अब तक की सबसे ज्यादा 60 रुपये प्रतिकिलो (60 rs per kg) पर पहुंच गई।

इन हालातों के बीच पहले ही महंगाई की मार झेल रही जनता बिलबिला उठी है और आक्रोशित जनता कह रही है कि क्या खाएं क्या बचाएं..इस सरकार की गलत नीतियों की वजह से पेट पालना ही मुश्किल हो रहा है।

फ्लोर एसोसिएशन का कहना है कि देश में गेहूं की कमी मिल मालिकों की वजह से नहीं बल्कि प्रभावशाली लोगों की वजह से है। इसको लेकर सरकार ने रूस से 200,000 मीट्रिक टन गेहूं आयात को मंजूरी दी है, जो इस महीने पहुंच सकता है। इकनॉमिक कोऑर्डिनेशन कमिटी ने देश मे कीमतें स्थिर करने के लिए यह कदम उठाया है।

बताते हैं कि पाक सरकार इसपर काबू पाने की तमाम कोशिशें कर रही है मगर हालत सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं और सरकार तमाम कोशिशों के बाद भी दाम बेकाबू होते जा रहे हैं वैसै पाकिस्तान में महंगाई का इस कदर बेकाबू होना नई बात नहीं है लेकिन इस दफा हालात गंभीर नजर आ रहे हैं क्योंकि आटा-दाल बेसिक हैं जो सभी को चाहिए जिसे उचित मूल्य पर पाकिस्तान सरकार उपलब्ध नहीं करा पा रही है। पिछले साल दिसंबर में देश में हालात बेहद खराब दिखने लगे थे जब गेहूं की कीमत 2000 रुपये प्रति 40 किलो पर पहुंच गई थी मगर इस साल तो यह रेकॉर्ड टूट गया और गेहूं के 40 किलो के गेहूं के कट्टे की कीमत 2400 रुपए है, वहां पहली बार गेहूं की कीमत इस स्तर तक पहुंची है।

इस साल अक्टूबर में ही यह रिकॉर्ड भी टूट गया। ऑल पाकिस्तान फ्लार असोसिएशन ने मांग की है कि देश और राज्य की सरकारें गेहूं के क्रय मूल्य का ऐलान जल्द करें क्योंकि सिंध में कटाई का मौसम शुरू हो चुका है और पंजाब में अगले महीने शुरू हो जाएगा। वहीं, किसानों ने मांग की है कि सर्टिफाइड बीजों की कीमतों का ऐलान किया जाए और अगले 24 घंटे में 50 किलो के बैग की कीमत का ऐलान भी किया जाए।

ऐसा नहीं कि इस समय पाकिस्तान में सिर्फ गेहूं महंगा हुआ है, बल्कि टमाटर, आलू, ब्याज, चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

इसी साल फरवरी में चीनी (Suger) के दाम आसमान छू रहे थे महंगाई की करारी मार अब चीनी पर पड़ी और देश में एक किलो चीनी 85 पाकिस्तानी रुपये में मिल रही थी। पूरे देश में चीनी के दाम पर काबू पाने के सरकार के तरफ से कोई प्रयास होते नहीं देखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लाहौर में सामान्य क्वालिटी की चीनी खुदरा में 85 रुपये किलो में बिक रही थी। यहां पचास किलो की बोरी कीमत चार हजार रुपये थी। महंगी चीनी की मार से कराची और देश के अन्य शहर भी समान रूप से पीड़ित थे। देश में कहीं भी चीनी की कीमत 70 रुपये किलो से कम नहीं थी।

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