भारतीय सेना ने कहा है कि भारत हमेशा बातचीत के माध्यम से मुद्दों को हल करना पसंद करता है, लेकिन युद्ध के मामले में लंबे समय तक गतिरोध के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं और एक पूर्ण युद्ध लड़ने में सक्षम हैं।
अपने एक बयान में, सेना ने कहा है कि पूरी तरह से तैयार हैं और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सर्दियों में भी एक पूर्ण युद्ध लड़ने में "सक्षम से अधिक" है। सेना ने कहा है कि उनके पास सियाचिन का अनुभव है, जहां चीन के साथ सीमाओं की तुलना में स्थिति बहुत अधिक है।
उन्होंने कहा कि "भारतीय सैनिक जो शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से युद्ध में कड़े होते हैं, कि तुलना में चीनी सैनिक ज्यादातर शहरी क्षेत्रों से होते हैं और क्षेत्र की परिस्थितियों में कठिनाई या लंबे समय तक तैनाती नहीं कर सकते हैं।"
सेना ने कहा, "चीन की अवधारणा हमेशा बिना लड़े युद्ध जीतने की रही है, इसलिए यदि वे युद्ध के लिए स्थितियां बनाते हैं, तो वे बेहतर प्रशिक्षित, बेहतर तैयार, आराम और मनोवैज्ञानिक रूप से कठोर भारतीय सैनिकों के बीच आएंगे। ये चिंताएं चीनी सैनिकों के दिमाग में घूम रही हैं और चीनी मीडिया में दिखाई भी दे रही हैं।
भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच भारतीय सेना किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों में जुटी है। सेना ने अब बोफोर्स होवित्जर तोपों को तैयार करना शुरू कर दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार लद्दाख में बोफोर्स तोपों के लिए मेंटेनेंस केंद्र में सेना के इंजीनियर इन तोपों की सर्विसिंग कर रहे हैं।
बोफोर्स तोपों को ऑर्टिलरी रेजिमेंट में 1980 के दशक के मध्य में शामिल किया गया था। ये तोप उच्च और निम्न दोनों कोण (एंगल) से फायरिंग करने में सक्षम हैं। इनकी सर्विसिंग का काम पूरा होने के बाद इन्हें लद्दाख में तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही भारतीय वायु सेना लद्दाख की फॉर्वर्ड पोस्ट तक जरूरी सामग्री पहुंचाने का काम कर रही है।
अधिकारियों के मुताबिक इन तोपों को समय-समय पर सर्विसिंग और मेंटेनेंस की जरूरत होती है। इसके लिए टेक्नीशियंस को तैनात किया गया है। बता दें कि जिस वर्कशॉप में यह काम होता है वहां के सेना के इंजीनियरों की यह जिम्मेदारी होती है कि आकस्मिक परिस्थिति में जरूरी पड़ने वाले सभी हथियारों की सर्विसिंग और मेंटेनेंस दुरुस्त रहे।
बता दें कि इस तोप ने कारगिल युद्ध के दौरान अपने दम पर पूरे युद्ध का रुख ही बदल दिया था। ऊंचाई पर बैठे दुश्मनों को मार गिराने में इस तोप की फायर पावर ने बहुत मदद की थी। बढ़ते तनाव के बीच दोनों देशों की सेनाओं ने सीमा पर हथियारों और जवानों की तैनाती बढ़ाई है। भारत की तीनों सेनाएं चीन की हर हरकत पर नजर रख रही हैं।