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खत्‍म होगा भारत-चीन विवाद, पैगोंग झील इलाके से वापसी को तैयार है दोनों देशों की सेना

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 11th November , 2020 04:51 pm

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच मई महीने से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है। लेकिन अब ये स्थिति जल्द सुधरने के आसार नजर आ रहे हैं। दरअसल, दोनों पक्षों के बीच लद्दाख सीमा पर फिंगर इलाके में पीछे हटने पर सहमति बनी है। अब भारतीय और चीनी सैनिकों के फिंगर इलाके से पीछे हटने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच दिवाली से पहले गतिरोध खत्म हो सकता है।

बता दें कि सीमा पर हालात सुधारने के लिए भारत और चीन के बीच छह नवंबर को चुशुल में कॉर्प्स कमांडर लेवल की वार्ता हुई थी, जिसमें दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने पर सहमति बनी है। बताया जा रहा है कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख सेक्टर के कुछ हिस्सों में सेना को पीछे हटाने पर राजी हुए हैं। जिसके तहत भारतीय और चीनी सैनिक इस साल अप्रैल-मई वाले स्थानों पर वापस लौटेंगे।

जानकारी के अनुसार, एक दिन के अंदर टैंक और बख्तरबंद कार्मिकों के पीछे हटने को अंजाम दिया जाना है। यह वार्ता 6 नवंबर को हुई थी, जिसमें विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव और सैन्य संचालन महानिदेशालय के ब्रिगेडियर घई ने हिस्सा लिया था।

पैंगोंग झील पर उत्तरी बैंक के पास पीछे हटने के दूसरे चरण में, दोनों पक्षों को तीन दिनों में लगभग 30 प्रतिशत सैनिकों को वापस लेना होगा। भारतीय पक्ष अपने प्रशासनिक धन सिंह थापा पद के करीब आ जाएगा, जबकि चीन फिंगर 8 के पूर्व की स्थिति में वापस जाने के लिए सहमत हो गया है।

तीसरे और अंतिम चरण में, दोनों पक्ष दक्षिणी तट पर पैंगोंग झील क्षेत्र के साथ सीमा रेखा से अपने-अपने स्थान से हटेंगे, जिसमें चुशुल और रेजांग ला क्षेत्र के आसपास की ऊंचाई और क्षेत्र शामिल हैं।

दोनों पक्षों ने एक संयुक्त तंत्र के लिए भी प्रतिनिधि सभाओं के साथ-साथ मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) का उपयोग करते हुए इस प्रक्रिया में प्रगति को सत्यापित करने के लिए सहमति व्यक्त की है।

भारतीय पक्ष इस मुद्दे पर बहुत सावधानी से आगे बढ़ रहा है, क्योंकि इस साल जून में गलवान घाटी में संघर्ष के बाद चीन पर बहुत अधिक विश्वास नहीं किया जा सकता।

गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच मई महीने से ही तनाव बना हुआ है। लेकिन ये तनाव तब और बढ़ गया जब चीन के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। इस झड़प में चीनी पक्ष के भी 43 जवान हताहत हुए थे।

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