[Edited By: Punit tiwari]
Thursday, 15th April , 2021 04:05 pmलखनऊ-उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। इस वायरस से आम हो या खास सभी पर महामारी का प्रकोप दिख रहा है। शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। हालात ये हैं कि एक रिटायर्ड जिला जज और उनकी पत्नी को कोरोना हो गया, अस्पताल से एम्बुलेंस तक नहीं आई। तीन दिन के बाद रिटायर्ड जज की पत्नी कोरोना से निधन हो गया। जिसके बाद अब भी उनकी समस्या खत्म नहीं हुई है। अब भी हालत ये है कि अस्पताल से कोई शव लेने भी नहीं आ पाया है।
दरअसल, लखनऊ के गोमती नगर के विनम्र खंड में रहने वाले रिटायर जिला जज रमेश चंद्र की उम्र 67 वर्ष है, उनकी पत्नी मधु की उम्र 64 वर्ष है। दोनों ही कोरोना की चपेट में आ गए थे, सरकार द्वारा जारी नंबर पर फोन कर एम्बुलेंस मंगाने की कोशिश की ताकि अस्पताल में भर्ती हो सकें। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। अस्पताल से सिर्फ एक ही जवाब आता था कि पांच मिनट में पहुंच रहे हैं।
पूर्व जिला जज ने डीएम से लेकर सीएमओ व कोविड-19 कंट्रोल रूम समेत अन्य अधिकारियों को पचासों फोन कर डाले। मगर हर जगह से अभी तभी व्यवस्था कराने व एम्बुलेंस भेजने का सिर्फ झूठा आश्वासन मिलता रहा। तीन दिन तक कोई नहीं आया, तो गुरूवार को रमेश चंद्र की पत्नी मधु का निधन हो गया। अब भी हालत ये है कि अस्पताल से कोई शव लेने भी नहीं आ पाया है। ये सब बताते रिटायर्ड जज का गला भर आयाऔर कहने लगे कि मौत के बाद सुबह से लाश उठाने के लिए संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों को दर्जनों बार फोन कर चुका हूं लेकिन कोई जवाब नहीं मिल पा रहा है। अभी साढ़े 12 बजे यानी थोड़ी देर पहले एंबुलेंस भेजी गई है। रिटायर्ड जज का कहना है कि प्रशासन उन्हें आश्वासन देता रहा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब उन्होंने एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर पोस्ट की, जिसके बाद ये कहानी हर किसी के सामने आई।