चमोली के तपोवन में हुए हादसे का आज चौथा दिन है। NTPC की टनल में फंसे 35 कर्मचारियों को बचाने की कोशिशें जारी हैं। करीब ढाई किलोमीटर लंबी इस टनल का ज्यादातर हिस्सा आपदा में आए मलबे से भरा पड़ा है। आर्मी, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें पूरी ताकत से रेस्क्यू में जुटी हुई हैं। बावजूद अब तक सिर्फ 130 मीटर हिस्से की सफाई हो सकी है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में अधिकारियों के हवाले से कहा जा रहा है कि 4 दिन से टनल में फंसे कर्मचारी के सामने हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान सामान्य से कम हो जाना) और गिरते ऑक्सीजन लेवल की समस्या हो सकती है।
आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट एके डबराल ने कहा कि तपोवन सुरंग के अंदर बोल्डर काफी मुश्किल पैदा कर रहे हैं। इसके साथ ही टनल में जलस्तर बढ़ रहा है, जिसकी वजह से भी काफी दिक्कतें आ रही हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन और लेजर इमेजिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
बता दें कि उत्तराखंड आपदा के बाद रेस्क्यू के तीसरे दिन यानी मंगलवार को 6 और शव मिले थे। अब तक 32 लोगों के शव मिल चुके हैं। सरकार के मुताबिक, हादसे के बाद 206 लोग लापता हो गए। इनमें से 174 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। रविवार को चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने की वजह से तपोवन टनल में 25 से 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है। काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम टनल के 130 मीटर अंदर तक पहुंच गई है, लेकिन मलबे का ढेर है। सुरंग के अंदर 200 मीटर के आसपास लोगों के फंसे होने की आशंका है।