नई दिल्ली- जस्टिस नथालापति वेंकट रमना भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। राष्ट्र रामनाथ कोविंद ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद अब 24 अप्रैल को जस्टिस रमना शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस के तौर पर उनका कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक रहेगा। जस्टिस रमना वर्तमान चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े के बाद सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठ जज हैं। 24 मार्च को वर्तमान चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने उनके नाम की सिफारिश सरकार को भेजी थी।
जस्टिस नाथुलापति वेंकट रमन्ना का आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में 27 अगस्त 1957 को जन्म हुआ। 2 फरवरी 2017 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति मिली। उनके कार्यकाल के महज दो साल बचे हैं और वे 26 अगस्त, 2022 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। 10 फरवरी 1983 को उन्होंने अपनी वकालत शुरू की। जस्टिस रमन्ना आंध्र प्रदेश सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल भी रहे हैं। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रमन्ना विज्ञान और कानून में स्नातक हैं।
उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में कानून की प्रैक्टिस की है। राज्य सरकारों की एजेंसियों के लिए वो पैनल काउंसिल पर भी काम कर चुके हैं। 27 जून 2000 को वे आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त हुए। साल 2013 में 13 मार्च से लेकर 20 मई तक वो आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस रहे।
सुप्रीम कोर्ट में चार न्यायाधीशों की कमी है, सीजेआई बोबडे रिटायर होने वाले हैं, जबकि न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा रिटायर हो चुकी हैं। इसके अलावा जस्टिस अशोक भूषण, रोहिंटन नरीमन और नवीन सिन्हा भी इसी साल रिटायर हो जाएंगे।