राजस्थान के पाली शहर में सौंदर्यीकरण के साथ ‘जोधपुर-पाली मारवाड़ महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण’ के गठन का सपना जल्द साकार होगा. जोधपुर-पाली को एक संयुक्त मेट्रोसिटी के रूप में विकसित करने की भी तैयारी है. आकार एवं भोगोलिक दृष्टि से यह संभव भी है. जिसका मुख्य केंद्रीय कार्यालय पाली मारवाड़ होगा.
पाली शहर के सौंदर्यीकरण की प्रकिया में तेज़ी लाने के लिए सड़कों को चोड़ा किया जा रहा है. स्थानीय जनता भी अतिक्रमण हटाने में सहयोग कर रही है. जोधपुर परिधि से जुड़े अन्य शहरों की अपेक्षा पाली की दूरी मात्र 66 किलोमीटर है. जबकि नागोर 144 किमी एवं बाड़मेर 196 किमी की दूरी पर है. औद्योगिक विकास व रोजगार के लिए भी पाली राजस्थान का एक प्रमुख शहर है. दिल्ली-मुंबई डेडिकेटेड रेल फ्रेट कॉरिडोर देश का पहला फेज जल्द ही शुरू होने वाला है. इस कॉरिडोर को माल गाड़ियों के लिए सिर्फ़ माल ढुलाई के लिए अलग से बनाया गया है. इसी कॉरिडोर पर पाली राजस्थान की सबसे बड़ी औद्योगिक नगरी है, जिसका जोधपुर के साथ विलय दोनों शहरों के विस्तार में महत्वपूर्ण साबित होगा.
दिल्ली-मुंबई कारीडोर: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने प्रस्तावित जोधपुर पाली मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (जेपीएमआईए) परियोजना को पर्यावरण संबंधी मंजूरी देने की सिफारिश की है. मंजूरी मिलने से राजस्थान में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) के विकास में तेजी आने की उम्मीद है. डीएमआईसी के पहले चरण में विकसित किए जाने वाले आठ निवेश क्षेत्रों में जेपीएमआईए भी शामिल है.
जेपीएमआईए लगभग 154 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्र को कवर करता है, जिसमें से लगभग 64 वर्ग किमी का शहरीकरण करने का प्रस्ताव है, जबकि शेष क्षेत्र को 'पेरिफेरल कंट्रोल बेल्ट' के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है जिसमें कृषि को प्राथमिकता दी जा रही है. परियोजना स्थल दो सीमावर्ती जिलों के बीच जोधपुर से 40 किलोमीटर और पाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जेपीएमआईए को सभी डीएमआईसी शहरों की तरह ही एक मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा. यह स्थानीय संसाधनों और स्वदेशी क्राफ्ट सहित स्थानीय शक्तियों द्वारा संचालित औद्योगिक, व्यापार और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देगा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करेगा. यह संपूर्ण मारवाड़ क्षेत्र में वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) के लिए एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में कार्य करेगा.
जेपीएमआईए में उच्च श्रेणी के आंतरिक सार्वजनिक परिवहन की सुविधा होगी और पड़ोसी शहरी केंद्रों से संबद्ध होंगे. इसके तहत 21 किमी पाली-सोजत बाईपास का विकास भी प्रस्तावित है. इस शहरी योजना में दो वर्ग किमी क्षेत्र में फैले एक एकीकृत मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब (आईएमएमएलएच) भी शामिल है, जिसमें इस क्षेत्र की सेवा के लिए 25 मीट्रिक टन प्रति वर्ष का कार्गो संभालने की क्षमता होगी. जेपीएमआईए के लिए आदर्श के रूप में पहचान की गई उद्योग श्रेणियों में वस्त्र और परिधान, भवन निर्माण सामग्री, मोटर वाहन और वाहन घटक, हस्तशिल्प, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उत्पादों और मशीनरी और उपकरण शामिल हैं, जो महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर पैदा करेंगे. राजस्थान सरकार जेपीएमआईए के पहले चरण के विकास के लिए जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर ली है.
केंद्र सरकार द्वारा जारी स्मार्ट सिटी सूची में जयपुर, अजमेर, कोटा एवं उदयपुर ही शामिल हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहनगर जोधपुर से उनका निजी लगाव होना भी स्वाभाविक हैं. मुख्यमंत्री गहलोत जोधपुर को एक मेट्रोसिटी बनाने का सपना देख रहे हैं. जिसमें जोधपुर-पाली को संयुक्त रूप से विकसित किया जाएगा. जोधपुर विकास प्राधिकरण विस्तार प्रकिया के तहत ही ‘जोधपुर पाली मारवाड़ महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण’ गठन की घोषणा जल्द होने की संभावना है.
Story By- Bharatkumar Solanki