लखनऊ- उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले चिंता का सबब बने हुए हैं। तो दूसरी तरफ व्यवस्थाओं की पोल भी खुलती जा रही है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने में सिर्फ इसलिए देर हो रही है क्योकि यहां विद्युत शवदाह गृह की एक ही मशीन चल रही है। पूरा मामला लखनऊ के भैसाकुंड बैकुंठ धाम का है। जहां विद्युत शवगृह की एक मशीन खराब होने के कारण सिर्फ एक ही मशीन चल रही है। जिसके कारण शवों का अंतिम संस्कार के लिए आने वाले परिवारों को कई-कई घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है।
भैसा कुंड के इंचार्ज ने भी बताया कि यहां पर 2 विद्युत शवगृह चलते हैं लेकिन अभी एक मशीन खराब चल रही है। सिर्फ एक ही मशीन के जरिए अंतिम संस्कार कराया जा रहा है इसीलिए समय लग रहा है। हालांकि कोविड प्रोटोकॉल के तहत इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि मृत्यु के बाद भी शवों के अंतिम संस्कार में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन हो। शवों को ज्यादा देर कहीं पर भी ना रखा जाए लेकिन विद्युत शवगृह में इंतजामों की कमी होने के चलते परिजनों को अनेको संकटों का सामना करना पड़ रहा है। लोग शवगृह के सामने तपती धूप में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतज़ार करने को मजबूर हैं।
असल में कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत कोविड संक्रमण से मरने वालों का शवों का अंतिम संस्कार विद्युत शवगृह में ही किया जा सकता है। उन्हें जलाने की परमिशन नहीं दी जाती। यहां पर जब एक शव का अंतिम संस्कार हो जाता है इसके बाद शवदाह गृह को सेनेटाइज कराया जाता फिर तब जाकर दूसरे शव का अंतिम संस्कार होता है इसी प्रक्रिया के चलते देरी हो रही है। बता दें कि योगी सरकार सरकार संक्रमण के बढ़ने को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उत्तर प्रदेश के जिन जिलों में 500 से ज्यादा मरीज हैं, वहां नाइट कर्फ्यू लगाने की छूट डीएम को दे दी गई है। अब तक लखनऊ , वाराणसी , प्रयागराज और कानपुर में नाइट कर्फ्यू का ऐलान भी कर दिया गया है।