उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली काल बनकर 33 लोगों पर गिरी। बिजली गिरने से कानपुर में 7, झांसी में 5, हमीरपुर में 3, फतहेपुर में 7, रायबरेली में 2, चित्रकूट में 1 और जालौन में 4 लोगों की मौत हो गई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीएम को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपए की राहत राशि प्रदान करें। घायलों के इलाज की उचित व्यवस्था कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इससे पहले भी आकाशीय बिजली गिरने से लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले 24 और 25 जून को आकाशीय बिजली गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी। देश में किसी भी प्राकृतिक आपदा से ज्यादा मौतें बिजली गिरने से होती हैं। 2010 से लेकर 2018 तक 22,027 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई है। यानी हर साल औसत 2447 लोगों की जान बिजली गिरने से जा रही है।
क्लाइमेट रीजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्टन प्रमोशन काउंसिल (CROPC) के चेयरमैन कर्नल संजय श्रीवास्तव ने बताया कि 2018 में ही 3000 से ज्यादा मौत बिजली गिरने से हुई है। पिछले तीन साल में ही बिजली गिरने से होने वाली मौतों की संख्या में 1000 का इजाफा हुआ है।
बिहार में 27 जून को विभिन्न जिलों में पिछले 24 घंटे के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से करीब 30 लोगों की मौत हो गई थी। वज्रपात से सबसे ज्यादा भागलपुर में छह लोगों की मौत हुई थी, जबकि बेगूसराय में चार लोग इसकी चपेट में आए थे। इसके अलावा सहरसा, पूर्णिया, अररिया, जमुई, दरभंगा, मधेपुरा, खगड़िया, कटिहार, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, शिवहर, नवादा और गया में भी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से कई लोगों की मौत हुई थी।
जब आसमान में बारिश वाले बादल हवा के साथ यहाँ वहां घुमते हैं तो इनमे से विपरीत एनर्जी वाले बादल आपस में तेज गति से टकराते हैं और इनके टकराने की आवाज हमें सुनाई देती है साथ ही इनके टकराने पर जो घर्षण होता है उसी से बिजली पैदा होती है और धरती पर आ गिरती है।
बिजली के धरती पर टकराने की एक ख़ास वजह है, असल में बादलों के घर्षण से पैदा होने वाली बिजली कंडक्टर की तलाश में धरती पर आ गिरती है क्योंकि उसे आसमान में किसी प्रकार का कंडक्टर नहीं मिलता।
ऐसे में धरती पर लोहे के खम्बे बिजली के लिए कंडक्टर की तरह काम करते हैं और उस समय अगर कोई व्यक्ति उसकी चपेट में आ जाये तो उसकी जान भी जा सकती है।
आसमान से गिरने वाली ये बिजली मानव शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है इससे शरीर के टिशूज डैमेज हो जाते है। इसके अलावा शरीर के नर्वस सिस्टम पर भी इस आसमानी बिजली का बहुत बुरा प्रभाव हो सकता है और गंभीर शारीरिक अपंगता भी होने की सम्भावना होती है। इसके इस बिजली की चपेट में आने से हार्ट अटैक होने का खतरा भी होता है जिससे जान तक जा सकती है।
आपको बता दें की किसी व्यक्ति पर बिजली गिरने से सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव उसके सिर, कंधे और गले पर पड़ता है। बिजली गिरने की सबसे ज्यादा संभावना दोपहर के समय होती है। बिजली गिरने से होने वाले दुष्प्रभावों का असर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों पर ज्यादा होता है।
उम्मीद है जागरूक पर बिजली गिरने की असली वजह क्या है और इससे बचने के तरीके कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।