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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर बाढ़ का खतरा

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 16th August , 2023 01:23 pm

दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि नदी के किनारे कुछ स्थानों पर निचले स्तर की बाढ़ आ सकती है, लेकिन गंभीर स्थिति की संभावना नहीं है। इससे पहले सोमवार को हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज पर प्रवाह दर सुबह 9 बजे बढ़कर 75,000 क्यूसेक हो गई, जो 26 जुलाई के बाद सबसे अधिक रही। दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं. जलस्तर बढ़ सकता है लेकिन गंभीर स्थिति की संभावना नहीं है।

मध्य जुलाई में राजधानी और पहाड़ों पर भारी वर्षा के कारण दिल्ली को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा। 13 जुलाई को यमुना नदी रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक बढ़ गई थी, जिससे पिछले रिकॉर्ड भी टूट गए थे। बीते कई सालों की तुलना में शहर में अधिक अंदर तक बाढ़ का पानी घुस आया था। बाढ़ग्रस्त इलाकों से 27000 से अधिक लोगों को निकाला गया। संपत्ति, कारोबार और कमाई के मामले में करोड़ों रुपये तक का नुकसान हुआ है।

सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर गंभीरता से नजर रखी जा रही है। पिछले माह की तरह स्थिति गंभीर होने की संभावना नहीं है लेकिन हर स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। मंगलवार शाम सात बजे 205.03 मीटर तक पहुंच गया था। लेकिन रात 10 बजे के बाद यह खतरे के निशान को पार कर गया।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। हिमाचल प्रदेश में कुछ दिन से हो रही मूसलधार बारिश से दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हिमाचल प्रदेश में मूसलधार वर्षा से हरियाणा के हथनी कुंड से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। इससे दिल्ली में यमुना के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। बुधवार रात 10 बजे यह पुराना लोहा पुल के पास खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर पहुंच गया। 29 जुलाई के बाद पहली बार यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा है। बुधवार सुबह छह बजे तक यह खतरे के निशान से ऊपर यमुना बह रही थी लेकन सात बजे इससे नीचे आ गई है। सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हथनी कुंड से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

पुराना लोहा पुल के पास सोमवार शाम सात बजे 203.37 मीटर जलस्तर था। मंगलवार सुबह चेतावनी स्तर से ऊपर 204 मीटर के ऊपर और शाम सात बजे 205 मीटर से ऊपर जलस्तर पहुंचा था। उसके तीन घंटे बाद यह खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा के यमुनानगर के हथनी कुंड बैराज से पिछले दिनों की तुलना में पिछले तीन दिनों से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। पिछले दिनों 10 हजार क्यूसेक से कम पानी छोड़ा जा रहा था। यह सोमवार सुबह नौ बजे 75 हजार क्यूसेक से ज्यादा हो गया, यह 26 जुलाई के बाद सबसे अधिक है। सोमवार देर रात को भी 75 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया। मंगलवार को प्रति घंटे 30 हजार से 55 हजार क्यूसेक तक पानी छोड़ा गया। अब इसमें कमी आई है। मध्य रात्रि से प्रति घंटे 30 हजार क्यूसेक से कम पानी छोड़ा जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि 13 जुलाई को दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर रिकार्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। कई दिनों आम जनजीवन बाधित रहा था। इसे लेकर सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर गंभीरता से नजर रखी जा रही है। पिछले माह की तरह स्थिति गंभीर होने की संभावना नहीं है, लेकिन हर स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। बता दें कि पुराना लोहा पुल के पास सोमवार शाम सात बजे जलस्तर 203.37 मीटर था। मंगलवार सुबह 204 मीटर के ऊपर और शाम सात बजे 205.03 मीटर तक पहुंच गया था। लेकिन रात 10 बजे के बाद यह खतरे के निशान को पार कर गया।

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