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केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया

[Edited By: Rajendra]

Monday, 27th February , 2023 02:17 pm

केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने केंद्र सरकार की योजना पर मुहर लगाते हुए याचिकाकर्ताओं को राहत देने से इनकार किया। पीठ ने यह भी कहा कि इस योजना में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पिछले साल 15 दिसंबर को निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

मुख्य पीठ ने रक्षा सेवाओं में पिछली भर्ती योजना के अनुसार, पाली और नामांकन की मांग वाली याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह योजना राष्ट्रीय हित में और यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई थी, ताकि सशस्त्र बल बेहतर सुसज्जित हों। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मुकदमेबाजी भारत में चिकित्सा शिक्षा में सुधार की आवश्यकता का प्रतीक भी है। अग्निपथ योजना को 14 जून, 2022 को पेश किया गया था। इस योजना के तहत सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती किए जाने के नए नियम बताए गए थे। इन नियमों के मुताबिक, साढे 17 साल से लेकर 21 साल तक की उम्र के युवा ही इसमें उम्मीदवार हो सकते हैं और इन्हें चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा।

भर्ती किए गए उम्मीदवार में से 25 फीसदी को नियमित सेवा प्रदान करने के लिए चुना जाएगा। इस योजना की घोषणा के बाद से ही देश के कई राज्यों में युवाओं का विरोध प्रदर्शन हुआ था। भारी प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने भर्ती होने के लिए उम्र की सीमा को बढ़ाकर 21 से 23 साल कर दिया है।

अग्निपथ योजना समय की जरूरत है। भारत के आसपास माहौल बदल रहा है। बदलते समय के साथ सेना में बदलाव जरूरी है। इसे एक नजरिए से देखने की जरूरत है। अग्निपथ अपने आप में एक स्टैंडअलोन योजना नहीं है। 2014 में जब पीएम मोदी सत्ता में आए, तो उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाना था। ये योजना उसी का एक हिस्सा है।

देश को सुरक्षित करने के लिए तकनीक, हाईटेक हथियार, सिक्योर डिफेंस कम्युनिकेशन के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। हमने नई-नई तकनीक का प्रयोग शुरू किया है। यहां तक की हमने स्पेस पॉवर में भी बड़ी सफलता हासिल की है। इसको ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा युवाओं की जरूरत पड़ेगी जो तकनीक के मामले में दक्ष होते हैं। अग्निपथ योजना इसी का एक हिस्सा है। इससे हमें बड़ी संख्या में टेक फ्रेंडली युवा मिलेंगे।

2022-23 वर्ष का युवक चार वर्ष अग्निवीर के रूप में गुजारकर जॉब मार्कट में आया है। उसकी तुलना उस युवक से कीजिए जो अग्निवीर नहीं बना। जो अग्निवीर अपने प्रतिस्पर्धी के मुकाबले हर मोर्चे पर आगे रहेगा। इसलिए उसके पास कोई रास्ता बंद नहीं हुआ है। उसके पास करीब 11 लाख रुपये भी हैं। अगर वह चाहे तो पढ़ाई कर सकता है, कोई बिजनेस कर सकता है। पहले का जमाना अलग था। उस वक्त सैनिक रिटायर होने के बाद अपने गांव चला जाता था और वहां अपनी जमीन से अन्न उपजाता था और पेंशन से बाकी खर्चे निकल जाते थे। आज वो हालात नहीं रह गए हैं।

सेना में चार साल बिताने के बाद अग्निवीर जब वापस जाएगा तो वह स्किल्ड और ट्रेन्ड होगा। वह समाज में सामान्य नागरिक की तुलना में कहीं ज्यादा योगदान कर पाएगा। पहला अग्निवीर जब रिटायर होगा तो 25 साल का होगा। उस वक्त भारत की इकनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर की होगी। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को ऐसे लोग चाहिए होंगे। सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज, राज्य पुलिस समेत अन्य कई भर्तियों में ऐसे ट्रेंड युवाओं की जरूरत होगी। सभी विभागों ने पहले ही अग्निवीरों को नौकरी में वरीयता देने का एलान कर दिया है।

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