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चक्रवात बिपरजॉय तेजी से एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया

[Edited By: Rajendra]

Tuesday, 13th June , 2023 01:42 pm

चक्रवात बिपरजॉय तेजी से एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है और वर्तमान में अरब सागर को पार कर रहा है। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के तटीय इलाकों की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। जिसके कारण भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने तूफान बिपरजॉय के कारण सौराष्ट्र और कच्छ तट के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है । कच्छ में तेज बारिश हो रही है। आईएमडी ने पूर्वानुमान जताया है कि गुजरात में टकराते वक्त बिपरजॉय की रफ्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। इस बीच निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर ने उत्तर भारतीय राज्यों को लेकर ताजा भविष्यवाणी की है। स्काईमेट ने बताया है कि अगले चार हफ्ते भारत में कमजोर मानसून रहेगा, इससे कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव जरूर पड़ सकता है लेकिन, दो दिन दिल्ली, एनसीआर, उत्तराखंड और यूपी समेत कई उत्तर भारतीय राज्यों में बारिश से मौसम खुशनुमा जरूर रह सकता है।

स्काइमेट ने भविष्यवाणी की है कि 30 जून से 6 जुलाई के बीच मानसून उत्तर में प्रवेश करेगा, लेकिन इसका प्रभाव कम देखा जा सकता है। हालांकि इसके बाद मानसून की झमाझम बारिश से समूचा उत्तर भारत रमेगा। इससे पहले जून माह में दिल्ली, एनसीआर और उत्तराखंड, यूपी समेत कई राज्यों में भीषण गर्मी का प्रकोप है। दिल्ली, एनसीआर और उत्तराखंड-यूपी समेत कई उत्तर पश्चिम राज्यों में बिपरजॉय का कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि 16 जून को बिपरजॉय के गुजरात से दक्षिण राजस्थान की तरफ जाते वक्त रफ्तार धीमी पड़ जाएगी और यह बेअसर हो जाएगा। 14 से 15 जून के बीच जब यह चक्रवाती तूफान गुजरात से टकराएगा तो इसकी रफ्तार सबसे तेज 150 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है लेकिन, अगले ही दिन दक्षिण राजस्थान की तरफ जाते वक्त इसकी रफ्तार धीमी होकर 65 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाएगी। इसके बाद यह बेअसर हो जाएगा।

गौरतलब है कि इस बार देश में मानसून की एंट्री देरी से हुई है। 1 जून को पहुंचने वाला मानसून इस साल 8 जून को केरल पहुंचा है। ऐसे में इसकी भी संभावना है कि यह उत्तर भारतीय राज्यों में देरी से पहुंचे। हालांकि अभी मौसम विभाग का कहना है कि ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि अगर मानसून केरल में देरी से पहुंचा है तो उत्तर पश्चिमी राज्यों में भी देरी से पहुंचे। मानसून के 30 जून से 6 जुलाई के बीच उत्तर पश्चिम में पहुंचने की संभावना है।

तूफान की चेतावनियों के बीच, कंडला में स्थित दीनदयाल पोर्ट प्राधिकरण के अधिकारियों ने गांधीधाम में स्थित निचले इलाकों में लोगों को आश्रयों में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। दीनदयाल पोर्ट प्राधिकरण के सार्वजनिक संबंध अधिकारी के अनुसार, जहाजों ने पहले ही पोर्ट को छोड़ दिया है ।

पोरबंदर के जिला अधिकारी केडी लखानी ने तूफान की तैयारियों पर एक बयान जारी कर जानकारी दी, उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन सरकार के साथ मिलकर विभिन्न गैरसरकारी संगठनों के साथ मिलकर तूफान के प्रभावों के लिए तैयारी कर रहा है। निचले भूमि और तटीय क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, और भारी बारिश की संभावना के कारण तटीय इलाकों में लोगों की सुरक्षित अपवाह के लिए प्रतिष्ठित तूफान आश्रय, प्रत्येक में 500 लोगों की क्षमता, तैयार किए गए हैं। तूफान के प्रभाव के लिए मछली पकड़ने की अनुमति नहीं प्रदान की गई है, और सभी मछली पकड़ने वाली नावें सुरक्षित जगहों पर रखवा दिए गए हैं।

अदानी मुंद्रा पोर्ट ने स्थानीय चेतावनी सिग्नल नंबर 4 जारी किया है, जिससे पोर्ट और उसके जहाजों को तूफान बिपरजॉय के कारण संभावित खतरे का संकेत मिल सके। छोटे जहाजों का उपयोग जारी है और बड़े जहाजों को समुद्र में रहने के लिए निर्देशित किया गया है।

नवसारी शहर ने तूफान के प्रभाव के कारण रात में वर्षा का अनुभव किया। बारिश ने ऊष्णता और गर्मी से आराम प्रदान किया। वर्तमान में वहां बारिश नहीं हो रही है, हालांकि, तेज हवाओं और ऊंची लहरें नवसारी तटों पर आईं, इसलिए लोगों को तट के पास जाने से बचने की सलाह दी गई है। जिला प्रशासन ने चेतावनियाँ जारी की हैं और तट के पास के गांवों की बहाली की तैयारी पहले से ही कर दी गई है। पुलिस को तट के पास तैनात कर दिया गया है ताकि लोग वहां जाने से बच सकें।

इस बीच, चक्रवात महाराष्ट्र के तट पर उच्च ज्वार की लहरें दिखती रही। रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्टों के अनुसार, चक्रवात बिपारजॉय के कारण मौसम की स्थिति काफी ख़राब होगई जिसके चलते कल शाम मुंबई में उड़ान संचालन प्रभावित हुआ।

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