Trending News

मणिपुर हिंसा के मामलों की जांच के लिए सीबीआई ने अधिकारियों की सूची जारी, 29 महिलाएं शामिल

[Edited By: Rajendra]

Thursday, 17th August , 2023 01:41 pm

मणिपुर में जातीय हिंसा की जांच के लिए बुधवार को विभिन्न रैंक की 29 महिला अधिकारियों समेत 53 अधिकारियों की सूची जारी कर दी गई है। सीबीआई जांच के दायरे में आए शुरुआती मामलों के लिए दो महिला डीआईजी रैंक के अधिकारी समेत 29 महिला को शामिल किया गया है। राज्य में हिंसा और महिलाओं के साथ हुए अत्याचार को लेकर 65 हजार के अधिक एफआईआर दर्ज किया गया है। इनमें से 11 मामलों की जांच सीबीआई को सौंपा गया है।

दो महिला अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और छह महिला पुलिस उपाधीक्षक को जांच में शामिल किया गया है। मालूम हो कि पुलिस उपाधीक्षक ऐसे मामलों में पर्यवेक्षी अधिकारी नहीं हो सकते हैं, इसलिए एजेंसी ने जांच की निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए तीन डीआईजी और एक एसपी को भेजा है। इसके अलावा 16 इंस्पेक्टर और 10 सब-इंस्पेक्टर को भी जांच में शामिल किया गया है। बता दें कि हाल ही में मणिपुर हिंसा से संबंधित नौ और मामले की जांच सीबीआई करने वाली है। इससे पहले सीबीआई आठ मामलों की जांच कर रही थी, यानी कुल 17 मामलों की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है। इन जांच में हिंसा के अलावा, यौन उत्पीड़ के मामले भी शामिल हैं।

मणिपुर हिंसा के मामलों की जांच के लिए सीबीआई ने बुधवार को 53 अफसरों की लिस्ट तैयार की है। इनमें 29 महिलाएं शामिल हैं। इन अफसरों को देशभर के सीबीआई ऑफिस से इकट्‌ठा किया गया है। ऐसे हिंसा के मामलों में पुलिस के डिप्टी सुपरिंटेंड्स को निगरानी अधिकारी नहीं बनाया जा सकता है, इसलिए सीबीआई ने तीन डीआईजी और एक पुलिस सुपरिनटैंडैंट को जांच की निगरानी करने के लिए भेजा है। डीआईजी अधिकारियों के नाम हैं- लवली कटियार, निर्मला देवी और मोहित गुप्ता। जॉइंट डायरेक्टर घनश्याम उपाध्याय इस पूरे जांच प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। पुलिस सुपरिनटैंडैंट राजवीर उन्हें रिपोर्ट करेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, यह अपनी तरह का पहला मोबिलाइजेशन है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में महिला अधिकारियों को एक साथ सर्विस में तैनात किया गया है। दो अतिरिक्त महिला पुलिस सुपरिनटैंडैंट्स और छह महिला डिप्टी सुपरिनटैंडैंट्स भी इस टीम का हिस्सा हैं। इसके अलावा 16 इंस्पेक्टर और 10 सब-इंस्टपेक्टर्स भी इस टीम का हिस्सा रहेंगे।

इंफाल में बुधवार को लामलाई केंद्र विलेज वॉलंटियर फोर्स के सदस्यों और ग्वालताबी गांव के विस्थापित लोगों ने वहां से सुरक्षाबलों को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। मणिपुर के कई जिलों में बुधवार को सुरक्षाबलों ने छापेमारी की। इसमें सुरक्षाबलों को 8 हथियार, गोलियों के 112 राउंड और छह विस्फोटक बरामद हुए। ये हथियार बिष्णुपुर, चुराचांदपुर, तेंगनोउपाल, कांगपोकपी और इंफाल पूर्व जिलों से मिले हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर जब किसी राज्य में हिंसा से जुड़े कई मामलों को जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जाता है, तो एजेंसी जनशक्ति मुहैया करवाने के लिए उसी राज्य पर आश्रित रहती है। लेकिन मणिपुर के मामलों की जांच में सीबीआई लोकल अधिकारियों को शामिल नहीं करना चाहती है, ताकि जांच में पक्षपात के आरोप न लगें। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई जिन मामलों की जांच कर रहा है, उनमें से कई मामलों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम 1989 का प्रावधान शामिल हो सकता है, जिसकी जांच डिप्टी सुपरिनटैंडैंट रैंक का अधिकारी करेगा। सीबीआई को मणिपुर हिंसा से 17 मामले जांच के लिए सौंपे गए हैं। सीबीआई ने अब तक 8 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें मणिपुर में महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न से संबंधित दो मामले भी शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई के पास और केस भी आ सकते हैं। इसमें खासकर महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न, कुकी महिला के वायरल वीडियो के मामले शामिल होंगे। इसके अलावा 9 अगस्त को मैतेई महिला से गैंगरेप का मामला सामने आया था। इसकी जांच भी सीबीआई को दी जा सकती है।

बता दें कि 3 मई से मणिपुर में जातीय हिंसा जारी है, जिसमें 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। राज्य में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा की मांग के विरोध में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था, जिसके बाद मैतेई और कुकी समुदाय के बीच झड़प शुरू हो गई थी। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत है और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

Latest News

World News