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सेंट्रल रेलवे स्टेशन में भी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं देखने को मिलेंगी

[Edited By: Rajendra]

Thursday, 2nd February , 2023 02:22 pm

वह दिन दूर नहीं जब सेंट्रल रेलवे स्टेशन में भी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं देखने को मिलेंगी। सेंट्रल रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास को अब पंख लगेंगे, क्योंकि रेल मंत्रालय ने इसे अमृत भारत योजना से जोड़ने का फैसला किया है। हालांकि पूर्व में इसके लिए टेंडर हो चुका है, लेकिन नई योजना से जुड़ने के बाद बजट और ज्यादा मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। केवल सेंट्रल रेलवे स्टेशन ही नहीं बल्कि गोविंदपुरी, अनवरगंज और पनकी रेलवे स्टेशन पर भी अमृत भारत योजना के तहत विकास कार्य होंगे।

रेल मंत्री ने डीएफसी (डेडिकेटेट फ्रेट कॉरिडोर) का काम भी दो माह में पूरा करने को कहा है। इसके लिए बजट पहले ही जारी हो चुका है। डीएफसी के बनने से दिल्ली-हावड़ा रूट पर कानपुर सेंट्रल होकर चल रहीं मालगाड़ियां पूरी तरह से स्थानांतरित हो जाएंगी।

कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन के तहत विकसित करने का काम अब तेजी पकड़ेगा। इसके लिए 729 करोड़ रुपये का बजट इस साल जारी हो सकता है। दरअसल, वित्तमंत्री ने रेलवे का बजट एक लाख 40 करोड़ से बढ़ाकर दो लाख 41 करोड़ कर दिया है। बजट के बाद रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कॉन्फ्रेंस कर कानपुर स्टेशन का नाम भी लिया। इससे बजट मिलने की संभावनाओं को और बल मिल गया है।

इसके अलावा उन्होंने कानपुर से एक और वंदे भारत एक्सप्रेस समेत 12 नई ट्रेनें चलाने की बात कही है। कानपुर के हिस्से में आईं रेल योजनाएं और चल रही योजनाओं में जारी होने वाले बजट की जानकारी इसी सप्ताह जारी होने वाली पिंक बुक से होगी।

अमृत भारत स्टेशन के लिए जारी बजट के तहत कानपुर सेंट्रल के अलावा गोविंदपुरी और पनकीधाम रेलवे स्टेशन को उपनगरीय स्टेशन की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। कानपुर सेंट्रल स्टेशन का लोड कम करने के लिए गोविंदपुरी स्टेशन से होकर ट्रेनें चलेंगी। राजधानी एक्सप्रेस समेत लंबी दूरी की दूसरी ट्रेनों को गोविंदपुरी से जीएमसी होते हुए चंदारी रूट पर चलाया जाएगा। ये ट्रेनें कानपुर सेंट्रल से हटेंगी। पनकी में बढ़ी आबादी की वजह से पनकीधाम रेलवे स्टेशन को सिटी स्टेशन के तर्ज पर विकसित किया जाएगा। जरीबचौकी से आईआईटी तक एलिवेटेड ट्रैक बनाने के साथ ही अनवरगंज स्टेशन को टर्मिनल का दर्जा मिल जाएगा। अनवगरंज-फर्रुखाबाद रेलवे मार्ग पर बरेली-मथुरा होते हुए दिल्ली और आगरा, राजस्थान, गुजरात की ट्रेनें बढ़ेंगी।

यह होंगी सुविधाएं

10 की जगह 14 प्लेटफार्म होंगे
कैंट व सिटी साइड में बिल्डिंग का दृश्य प्राचीन धरोहरों की थीम पर होगा
बाहर से किसी बड़े एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग की तरह दिखाई पड़ेगा
घंटाघर चौराहे से सीधे पोर्टिको तक पहुंचने को रिजर्व कारिडोर बनेगा
स्टेशन पर वीवीआइपी के लिए 250 वाहनों की रिजर्व पार्किंग
थ्री और फाइव स्टार होटल, आधुनिक माल की सुविधा
यात्रियों के प्रतीक्षालय से लेकर प्रत्येक प्लेटफार्म पर बेहतर सुविधाएं रहेंगी
हर प्लेटफार्म पर लिफ्ट, स्वचालित सीढ़ियों के अलावा खानपान की सुविधाएं होंगी।

रेल मंत्री ने डीएफसी (डेडिकेटेट फ्रेट कॉरिडोर) का काम भी दो माह में पूरा करने को कहा है। इसके लिए बजट पहले ही जारी हो चुका है। डीएफसी के बनने से दिल्ली-हावड़ा रूट पर कानपुर सेंट्रल होकर चल रहीं मालगाड़ियां पूरी तरह से स्थानांतरित हो जाएंगी। न्यू खुर्जा से दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक 2024 तक सभी मालगाड़ियां डीएफसी पर होंगी। दिल्ली से प्रयागराज के प्रतापपुर तक दो महीने में सभी मालगाड़ियां स्थानांतरित हो जाएंगी। मिशन रफ्तार प्रोजेक्ट के लिए बजट जारी किया गया है। इससे दिल्ली से हावड़ा रूट के अलावा कानपुर से लखनऊ के 80 किमी के सेक्शन पर काम तेज होगा। यहां ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी। इससे करीब साढ़े तीन घंटे में कानपुर से दिल्ली और पौन घंटे में कानपुर से लखनऊ यात्री आ जा सकेंगे। सबसे पहले वंदेभारत एक्सप्रेस की स्पीड 130 से 160 किमी प्रति घंटा कर दी जाएगी।

कानपुर से लखनऊ तक यात्रा करने वालों की बड़ी संख्या है। अधिक ट्रेनों का भार बढ़ने के बाद मेट्रो सेवा काफी समय से बंद पड़ी है। मेट्रो बंद होने के बाद दैनिक यात्रियों के लिए लखनऊ तक की यात्रा दिन पर दिन मुश्किल होती गई। ऐसे में रेल बजट में प्रस्तावित वंदे मेट्रो से उम्मीद जागी है कि आने वाले समय में एक घंटे से भी कम समय में लखनऊ पहुंचा जा सकेगा।

खाली पड़ी जमीनें पैदा करेंगी सौर ऊर्जा रेल बजट में अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट की भी घोषणा की गई है। अधिकारियों के मुताबिक रेलवे के पास बड़े क्षेत्रफल में जमीनें खाली पड़ी हैं। यहां पर बड़े-बड़े सौर ऊर्जा प्लांट लगाकर बिजली पैदा करने की योजना है। इस लिहाज से कानपुर भी बड़ा केंद्र बन सकता है, क्योंकि कानपुर रेलवे के पास सैंकड़ों एकड़ भूमि खाली पड़ी है।

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने रायबरेली के लालगंज स्थित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना (मॉडर्न कोच फैक्ट्री) में वंदे भारत एक्सप्रेस के निर्माण का एलान किया है। कानपुर सेंट्रल से एमसीएफ की कनेक्टिविटी होगी। ट्रेन के रेक को सेंट्रल स्टेशन से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा। दिल्ली के लिए कानपुर सेंट्रल से कोच फैक्ट्री के लिए सीधी रेल लाइन है। ये ट्रेनें कानपुर से उन्नाव होकर बीघापुर होते हुए रायबरेली के लालगंज तक कनेक्ट होंगी। इसी रास्ते दिल्ली से अलग-अलग हिस्सों में भेजी जाएंगी। इन ट्रेनों की मरम्मत भी यहीं होगी।

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