यूपी की योगी सरकार ने कानपुर और वाराणसी में भी कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी है। वहीं सीनियर आईपीएस और इस समय डायल 112 की जिम्मेदारी संभाल रहे असीम अरुण कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर होंगे। वहीं ए सतीश गणेश वाराणसी के पहले पुलिस कमिश्नर होंगे। वहीं कानपुर में आकाश कुलहरि को अपर पुलिस आयुक्त बनाया गया है।
वाराणसी नगर में पुलिस कमिश्नर और ग्रामीण में एसपी को कमान सौंपी जाएगी। इसी तरह कानपुर नगर में पुलिस कमिश्नर और कानपुर आउटर में एसपी को जिम्मेदारी दी जाएगी। जिलाधिकारी का दखल ग्रामीण क्षेत्रों में ही रहेगा। नगर क्षेत्र कमिश्नरेट में कानून व्यवस्था में जिलाधिकारी का दखल नहीं रहेगा।
कानपुर और वाराणसी में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से के बाद अब पुलिस कमिश्नर, ज्वॉइंट कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर, असिस्टेंट कमिश्नर जैसे पद पुलिस अधिकारियों को दिए जाएंगे। दरअसल, इस नए सिस्टम के लागू होने के बाद अब पुलिस अधिकारी को जिलाधिकारी और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अधिकार मिलेंगे।
कानपुर में कुछ ऐसी होगी व्यवस्था
कानपुर में एडीजी रैंक के अफसर को पुलिस कमिश्नर बनाया जाएगा। आईजी रैंक के अफसर को जेसीपी (संयुक्त पुलिस आयुक्त) की जिम्मेदारी संभालेंगे। अपराध व कानून व्यवस्था के लिए अलग-अलग जेसीपी या अपर पुलिस आयुक्त तैनात किए जाएंगे। अपर पुलिस आयुक्त डीआईजी रैंक के होंगे। हर जोन की जिम्मेदारी एक एसपी रैंक के अफसर की होगी, जिसका पद डीसीपी का होगा। सीओ रैंक के अफसर एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) होंगे। इसके अलावा थाने स्तर पर जो व्यवस्था है, वही लागू रहेगी।
कानपुर कमिश्नरेट में आएंगे 34 थाने
कोतवाली, फीलखाना, मूलगंज, कलक्टरगंज, हरबंश मोहाल, बादशाही नाका, अनवरगंज, रायपुरवा, बेकनगंज, छावनी, रेलबाजार, चकेरी, कर्नलगंज, ग्वालटोली, कोहना, सीसामऊ, बजरिया, चमनगंज, स्वरूपनगर, नवाबगंज, काकादेव, कल्याणपुर, पनकी, बिठूर, बाबूपुरवा, जूही, किदवईनगर, गोविंदनगर, नौबस्ता, बर्रा, नजीराबाद, फजलगंज, अर्मापुर और महिला थाना शामिल है।
कानपुर ग्रामीण क्षेत्र में आएंगे 11 थाने
ग्रामीण इलाके में 11 थाने रखे गए हैं। इसमें महाराजपुर, नर्वल, सचेंडी, बिल्हौर, ककवन, चौबेपुर, शिवराजपुर, घाटमपुर, साढ़, सजेती और बिधनू थाना शामिल है।
वाराणसी कमिश्नरेट में आएंगे 18 थाने
कोतवाली, दशाश्वमेध, चौक, लक्सा, आदमपुर, रामनगर, भेलूपुर, लंका, मड़ुवाडीह, चेतगंज, जैतपुरा, सिगरा, छावनी, शिवपुर, सारनाथ, लालपुर-पांडेयपुर, पर्यटक और महिला थाना
वाराणसी ग्रामीण क्षेत्र में आएंगे 10 थाने
रोहनियां, मिर्जामुराद, कपसेठी, चौबेपुर, चोलापुर, जंसा, लोहता, बड़ागांव, फूलपुर और सिंधौरा
कमिश्नर प्रणाली में पुलिस के अधिकार
कमिश्नर प्रणाली के लागू होने से एसडीएम और एडीएम को दी गई एग्जीक्यूटिव मैजिस्टेरियल अधिकार वापस पुलिस के आधीन हो जायेंगे। जिससे बहुत प्रकरण में पुलिस अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और रासुका भी लगा सकती है, बिना कमिश्नर प्रणाली वाले जिलो में ये अधिकार जिला अधिकारी के पास होते है। इसी प्रकार के बहुत से कार्य बिना जिलाधिकारी की सहमति के बिना नहीं किया जा सकते।
क्या होता है पुलिस कमिश्नर सिस्टम
पुलिस कमिश्नर सिस्टम के लागू होने से पुलिस के अधिकार में वृद्धि हो जाती है तथा किसी भी आकस्मिक स्थिति में पुलिस अधिकारी अपना कर्तव्य बिना जिलाधिकारी, अन्य अधिकारीयों के आदेश के बिना निभा सकती है। इस प्रणाली में जिले की कानून व्यवस्था कमिश्नर के पास रहेगी। इसमें होटल के लाइसेंस, बार के लाइसेंस, हथियार के लाइसेंस आदि के आवंटन के आधिकार भी शामिल है और जिले में धरना प्रदर्शन की अनुमति देना ना देना, दंगे के दौरान लाठी चार्ज होगा या नहीं, कितना बल प्रयोग अब यह सब पुलिस अधिकारी ही तय करेंगे। साथ ही जमीन की पैमाइश से लेकर जमीन संबंधी विवादों के निस्तारण से जुड़े तमाम अधिकार भी पुलिस को मिल जायेंगे।