चीन से सीमा विवाद के बीच भारत लगातार अपनी सैन्य शक्ति का परीक्षण कर रहा है। अच्छी बात यह है कि रक्षा के क्षेत्र में देश अब आत्मनिर्भर बन रहा है। भारत की ओर से मिसाइलों के एक के बाद एक सफल परीक्षणों ने चीन पाकिस्तान की बोलती बंद कर रखी है।
इसी कड़ी में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने एक बार फिर इतिहास रच दिया। भारत ने शुक्रवार को एंटी रेडिएशन मिसाइल 'रुद्रम' का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल को DRDO ने बनाया है। इसका परीक्षण सुखोई-30 फाइटर एयरक्राफ्ट से किया गया। भारत में विकसित की गई यह अत्याधुनिक उच्च गति की मिसाइल भारतीय वायुसेना के शस्त्रागार में पहली तरह की मिसाइल है।
भारत में बनाई गई ये ऐसी पहली मिसाइल है, जो किसी भी ऊंचाई से दागी जा सकती है। ये मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ सकती है। साथ ही अपनी रडार में लाकर ये मिसाइल नष्ट कर सकती है।
अभी ये मिसाइल डवलेपमेंट ट्रायल में है, लेकिन इन ट्रायल के पूरा होने के बाद जल्द ही इन्हें सुखोई और स्वदेशी विमान तेजस में फिट कर इस्तेमाल किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस मौके पर DRDO को बधाई दी।
उल्लेखनीय है कि इसी हफ्ते की शुरुआत में डीआरडीओ ने सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) का सफल परीक्षण किया था। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO ने इसका ओडिशा के तटीय इलाके में इसका परीक्षण किया था।
भारत ने शनिवार को 'शौर्य' मिसाइल के नए वर्जन का सफलतापूर्वक टैस्ट किया था। यह मिसाइल करीब 800 किलोमीटर दूर तक के ठिकानों को तबाह कर सकती है। पिछले टेस्ट में मिसाइल ने टार्गेट के करीब पहुंचकर हायपरसोनिक स्पीड पकड़ ली थी। इसके बाद से ही इसकी शक्ति का पता चलने लग गया था। डिफेंस के क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर बनने के सपने को नई उड़ान मिल रही है। भारत ने हाल ही 400 किमी तक वार करने वाली ब्रह्मोस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल का भी सफलतापूर्वक टैस्ट कर लिया है।
नई मिसाइल हल्की है और आसानी से ऑपरेट की जा सकती है। यह मिसाइल जमीन से जमीन में मार करती है और अपने साथ न्यूक्लियर पेलोड ले जा सकती है। चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने हाल के दिनों में कई मिसाइलों और डिफेंस सिस्टम्स का टेस्ट किया है।