संयुक्त राष्ट्र ने दावा किया है कि बोको हराम के जेहादी समूह ने पूर्वोत्तर नाइजीरिया में 110 लोगों की जान ले ली है. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वयक ने कहा, "बोको हराम के लड़ाकों ने नाइजीरिया में तमाम निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया है.'
यह हमला मुख्य शहर मैदुगुरी के नजदीक बसे एक गांव कोशोबे में हुआ है. लड़ाकों ने गांव के किसानों को निशाना बनाया और उनकी हत्या कर दी. यह भयानक त्रासदी शनिवार (28 नवंबर) को हुई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बेहद क्रूर हमले में इन मजदूरों को पहले बांधा गया और फिर उनके गले काट दिए गए. संयुक्त राष्ट्र के एडवर्ड कल्लन ने इस संबंध में बयान जारी कहा है कि ''इस घटना में 110 लोगों की बेहरमी से हत्या कर दी गई है.'' इस हमले में कई बुरी तरह से घायल भी हुए हैं.
यह घटना को शनिवार को उत्तर पूर्वी नाइजीरिया के मैदुगुरी शहर में अंजाम दिया गया. जिहादी विरोधी मिलिशिया ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इन मजदूरों को पहले रस्सियों से बांधा गया और फिर क्रूर तरीके से इनके गले काट दिए गए. इस वारदात के दौरान कुछ लोग निकलकर भागने में सफल हो गए. नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मदू बुहारी ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इन हत्याओं से पूरा देश आहत हुआ है. एक और मिलिशिया इब्राहिम लिमन ने बताया कि इस घटनाक्र म में मारे गए मजदूर उत्तर पश्चिम नाइजीरिया के सोकोतो राज्य के थे. ये सभी लोग काम की तलाश में इस इलाके में आए थे. 60 मजदूरों को धान के खेत में काम करने का जिम्मा सौंपा गया था.
लिमन ने बताया कि आठ लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि जिहादियों ने इन लोगों को अगवा कर लिया है. खोज अभियान में मदद करने वाले एक स्थानीय नागरिक माला बुनु ने बताया कि शवों को जाबरमारी गांव ले जाया गया है जहां उन्हें रविवार को दफन करने से पहले रखा जाएगा.
बोको हरम के आतंकियों ने इससे पहले कई क्रूर घटनाओं को अंजाम दिया है. पिछले माह ही इन आतंकियों ने अलग अलग घटनाओं में मैदुगुरी के पास खेत में काम कर रहे 22 मजदूर किसानों की हत्या कर दी थी. बोको हरम लगातार किसानों, मजदूरों, चरवाहों आदि को निशाना बनाता रहा है. अब तक 20 लाख लोग हो चुके हैं विस्थापित: बोको हराम ने अपने हिंसक अभियान में किसानों, मजदूरों, चरवाहों और मछुआरों को तेजी से निशाना बनाया है.
बोको हरम इन लोगों पर जासूसी करने और सेना और स्थानीय मिलिशिया से लड़ने की जानकारी देने का आरोप लगाता रहा है. वर्ष 2009 के बाद से करीब 36 हजार लोगों की जिहादी विवाद में जान जा चुकी है और 20 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं.