पाकिस्तान में इन दिनों सियासी भूचाल मचा हुआ है। पाकिस्तान में 11 राजनीतिक दल प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल बाजवा के विरोध में खड़े हो गए हैं। ये सभी दल लगातार पीएम और बाजवा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
इन सभी के बीच पाकिस्तान में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच घमासान छिड़ गया। दरअसल, कोरोना वायरस के असर के बावजूद इमरान सरकार ने शिया समुदाय के लोगों को मोहर्रम के जुलूस में भीड़ जुटाने की परमीशन दे दी थी। जिसके बाद सुन्नी समुदाय भड़क गया।
उन्होंने मोहर्रम के पहले 10 दिन बाद बड़ी रैली करते हुए शियों के विरुद्ध नारेबाजी की और खुलेआम चेतावनी भी दी कि अगर चेहलुम पर शिया समुदाय ने जुलूस निकाला तो देश का माहौल बिगड़ जाएगा। लेकिन शिया समुदाय ने इस चेतावनी को दरकिनार करते हुए चेहलुम के मौके पर काफी बड़ा जुलूस निकाला। जिससे दोनों समुदायों के बीच नाराजगी बढ़ गई।
इसी दौरान पीएम इमरान खान ने विरोधियों की आवाज को दबाने के लिए फौज की मदद से नवाज शरीफ के दामाद को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन इससे पहले, पीएम को कराची के आईजी को अगवा करना पड़ा। इस तरह के व्यवहार को देखते हुए पाकिस्तानी सरकार के विरोध में फौज और पुलिस आने-सामने आ गई। कुछ मीडिया रिपोर्टों की मानें तो इस दौरान हुई झड़पों में पुलिस और सेना के 10 से अधिक जवानों की मौतें भी हो गई हैं।
जबकि इस बवाल में फंसी पुलिस पाकिस्तानी सेना के इस रवैये से बेहद नाराज है। इन हालातों को देखते हुए जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान में यह हालात बिल्कुल गृह युद्ध जैसे बनते जा रहे हैं। बुरे होते हालातों को अगर जल्द ही काबू नहीं किया गया तो पाकिस्तान में कभी भी दंगे या अंदुरुनी युद्ध छिड़ सकता है।